उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून की भगवन्तपुर ग्रामसभा में कारोबारियों द्वारा अवैध खनन, पेड़ों के कटान और खनन अधिकारियों के साथ हुई मारपीट के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अवैध खनन पर रोक लगा दी और देहरादून के जिलाधिकारी और डी.एफ.ओ.से दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने खनन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खनन कारोबारियों पर कार्यवाही करने के लिए पुलिस बल को साथ रखा जाए। खण्डपीठ ने खनन कारोबारियों को भी नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर के लिए तय है।
मामले के अनुसार देहरादून के चालान गाँव निवासी आरती जोशी ने उच्च न्यायालय में जनहीत याचिका दायर कर कहा कि भगवंतपुर पंचायत में ग्रामसभा की भूमि पर खनन व्यवसायियों द्वारा अवैध खनन करने के साथ ही सात सौ से अधिक पेडों को काट डाला है। ग्रामीणों की शिकायत पर खनन अधिकारियों ने अवैध खनन करने पर इन लोगों पर जुर्माना लगाते हुए खनन कार्य बंद करा दिया था। लेकिन देहरादून के जिलाधिकारी ने उन्हीं लोगों को आगे खनन करने की अनुमति प्रदान कर दी। जब खनन अधिकारी फिर से वहाँ कार्यवाही करने पहुँचे तो खनन व्यवसायीयों ने उनका मोबाईल छीनने के साथ ही उनसे मारपीट कर दी।
जनहित याचिका में ग्राम सभा की भूमि में हो रहे अवैध खनन और पर्यावरण को हो रहे भारी नुकसान को रोकने की मांग की गई। इसमें लिप्त खनन कारोबारियों और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग भी की गई है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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