हाईकोर्ट ने बागेश्वर में खड़िया खनन पर लगी रोक बढ़ाई,सरकार से पूछा खनन कारोबारियों से कैसे हो भरपाई ?

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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बागेश्वर में कांडा के कई गांव में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर खड़िया खनन में लगी रोक को 1 माह तक बढ़ाने के साथ ही जिला बागेश्वर के 159 माइनिंग ऑपरेटरो को नोटिस जारी किए हैं।

न्यायालय ने एस.एस.पी.बगेश्वर को निर्देश दिए हैं कि माइनिंग में कोई भी मशीनरी प्रयोग ना हो और कोई भी खनन सामग्री का ट्रांसपोर्टेशन रोक अवधि के दौरान ना हो। न्यायालय ने अवलोकन में पाया कि जो मुआवजा, राज्य सरकार के फंड से ग्रामीणों को दिया जा रहा है, उसकी भरपाई कैसे खनन कारोबारों से की जा सकती है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट न्यायालय को दें ?


आपकों बता दें कि बागेश्वर जिले के ग्रामीणों ने अपने प्रार्थनपत्र में एक निजी चैनल से हुई वार्ता में कहा था कि उनकी बात न तो डी.एम.सुन रहा है और न ही सी.एम.। कब से ग्रामीण उन्हें विस्थापित करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि साधन वाले तो हल्द्वानी में बस गए हैं, लेकिन गरीब गाँव में ही रह गए हैं।

ग्रामीणों ने अपने दर्द बयां करते हुए कहा कि कई खड़िया खनन कारोबारियों ने उनकी धरती को चीरकर हल्द्वानी में बेच दिया है। अब हमारा कोई नहीं है, इसलिए आंखरी उम्मीद उच्च न्यायलय से है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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