उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने एच.एन.बी.गढ़वाल केंद्रीय वि.वि.में छात्रों के आंदोलन पर बिगड़ी कानून व्यवस्था बनाने के मामले में पौड़ी गढ़वाल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि इस मामले में दो सप्ताह तक कानून व्यस्था बनाएं रखें।
न्यायालय ने बीती 7 अगस्त को राज्य सरकार से कहा था कि वो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाएं और कुलपति कार्यालय समेत वि.वि.के प्रशासनिक ब्लाक की सुरक्षा सुनिश्वित करें। इसपर, राज्य सरकार ने कहा कि पुलिस ने स्थिति पर कंट्रोल कर लिया है। वि.वि.के गेट पर ताले लगाकर आंदोलन कर रहे छात्रों को कैम्पस परिसर से हटा दिया गया है।
न्यायालय ने वर्तमान में परिसर में यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिए हैं। वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद रख दी और तबतक राज्य सरकार से जवाब देने के निर्देश दिये हैं।
मामले के अनुसार, याचिका में कहा गया है कि एच.एन.बी.गढ़वाल केंद्रीय वि.वि.में विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों के आंदोलन से कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई है। कुलपति कार्यालय व प्रशासनिक ब्लाक में तालाबंदी से वि.वि.का कामकाज प्रभावित हो रहा है। छात्रों के धरना प्रदर्शन की वजह से तमाम काम लटके हैं। इसलिए प्रशासनिक भवन व उसके आसपास कानून व्यवस्था बनाये रखने के आदेश पुलिस विभाग को दिए जाएं।
विवि के छात्र अपनी कई मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे है। जिसमे मुख्य रूप से अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली, लाइब्रेरियन, डिप्टी लाइब्रेरियन और प्रोग्रामर के पद आरक्षित हैं। उनको वि.वि.के द्वारा अनारक्षित कर दिया है। इसको लेकर छात्र आंदोलनरत हैं और इसी वजह से प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए वि.वि.में कानून व्यस्था बनाये रखने के निर्देश पुलिस को दिए जायँ।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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