उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बाजपुर के जय स्टोन क्रेशर द्वारा खनन के मानकों में बरती जा रही अनियमितताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टोन क्रशर के खनन पर रोक लगाने के साथ ही डी.एम.और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड़(पी.सी.बी.) को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सरकार से पूछा है कि स्टोन क्रेशर पर पूर्व में 1 करोड़ 62 लाख 25 हजार 9 सौ 33 रुपये का जुर्माना लगाया था, उसको जमा करवाया है या नही ? न्यायालय ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को आदेश दिया है कि वो इस मामले का स्थलीय निरीक्षण करके 2 सप्ताह में रिपोर्ट भी पेश करें। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को तय की है।
मामले के अनुसार उधम सिंह नगर में बाजपुर निवासी रकविंदर सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि गुलजारपुर में जय स्टोन क्रशर मानकों को ताक पर रखकर खनन कर रहा है। स्टोन क्रशर द्वारा अनुमति से अधिक खनन करने से क्षेत्र के पानी का स्तर नीचे जा पहुंचा है। क्षेत्र में पानी का संकट उप्तन्न होने लगा है। खनन से जो पानी ऊपर आ गया है उसे स्टोन क्रशर मालिक द्वारा प्रदूषित कर नहरों के माध्यम से खेतों और आबादी क्षेत्रों में डाला जा रहा है।
अवैध खनन से सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है। क्षेत्र में प्रदूषित पानी फैलने से वन्यजीव, पालतू पशुओ के साथ साथ आबादी क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए स्टोन क्रशर के संचालन पर रोक लगाई जाय।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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