मदद को तरसते हाथों तक पहुंचाई हर मदद..जब लगा कोई नही है सहारा..हम हैं ना..नैनीताल पुलिस

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आज जब देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखण्ड में भी कोरोना महामारी ने अपने पैर पसार लिये हैं. त्रासदी को इस दौर में जहाँ हमनें और तमाम राज्य वासियों ने अपनों को खोया.मदद के लिये लोगों ने गुहार लगाई ऐसे कठिन वक्त में जब जनता द्वारा जनता की सेवा के लिये चुने गये प्रतिनिधी ही सेवा करने में सक्षम नहीं है इस हालात में नैनीताल जिला पुलिस नें वह कर दिखाया जो काम नामुमकिन लग रहा था.

कामना है यह बुरा दौर जल्द ही गुज़र जायेगा लेकिन याद रह जाएंगी कड़वी यादें साथ ही याद में यह भी रहेगा, जब मदद की गुहार लगाते लोगो को ही उनके अपनों ने छोड़ दिया था.जिले पुलिस के जवानों ने जिस हौसले से हर एक जरूरत मंद को वो व्यवस्था उपलब्ध करवाई जब लगा कि सब असंभव है पूरी पुलिस टीम ने अपनी एक जुटता के साथ हर वो काम सम्भव कर दिखाया.

जिसमें शुरुआत में छोटी से लेकर बढ़े मूवमेंट पर पैनी नजर रखने के अलावा तुरन्त एक्शन लेकर बेहद जटिल समस्याओं को पूरे जज्बे के साथ कठिन दौर में उसके मुकाम तक पहुंचाय चाहे वो जिले वासियों को समझाने का तरीका हो यह फिर समय से मिलने वाली मदद पुलिस आफीसर्स पुलिस के जवानों ने अपने प्लाज्मा डोनेट करने में पहली पंक्ति में नज़र आये, असहाय परिजमों तक दवाओं से लेकर ऑक्सीजन सिलेन्डर भी दूर दराज़ के क्षेत्रों में जरूरत मंद तक पहुंचाया, साथ ही जिनका कोई अन्तिम संस्कार करने वाला नहीं.उन लावारिस लाशों का सम्मान के साथ अतिम संस्कार करवाया,

इस कठिन दौर में जो सबसे बढ़ी चुनोती सामने आयी है काला बाजरी और जमाखोरी, सब्जी विक्रेताओं से लेकर लैब संचालकों, और दवाओं को ऊंचे दामों में बेचने और दुप्लीकेसी करने वालों पर सख्त कार्यवाही करते हुये.

निर्धारित रेटों पर जनता को हर जरूरत का सामान मुहैया कराया, वैक्सीनेशन सेन्टेरो पर सहूलियत के साथ टिकाकरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है डीजीपी अशोक कुमार का यह सन्देश कि व पुलिस कर्मियों को सख्ती बरतने के साथ ही मानवता और इन्सानियत को भी याद रखना है.अगर डीजीपी के इन शब्दों को पूरे प्लान के साथ हक़ीक़त का अमली जामा पहनाया तो वह है जिले की एस एस पी प्रीती प्रियदर्शनी जिन्होंने अपने मातहतो के सामने खुद कार्य क्षेत्र में मौजूद रहकर जवानों की हौसला अफ़ज़ाई के साथ हर मोर्चे पर खुद डटी रही और मिसाल कायम करी,

कप्तान के लिए शुरू से ही रहा चुनोतियों का दौर

एएसपी प्रीतोप्रियदर्शनी ने नैनीताल जिले का जब कार्यभार संभाला तो जिले में एक साथ कई चुनौतियों का सामना किया कप्तान के सामने साइबर क्राइम, शराब माफियाओं, नशे के शौदागरों (ड्रग सप्लायर)का खात्मा हो या फिर ट्रैफिक कन्ट्रोल की समस्या या फिर लम्बित पढ़े मामले,जिनको पूरी प्लानिंग के साथ हल किया साथ अनसुलझी हत्या को गुत्थियों का भी पुलिस टीम की साक्रियता से सुलझाया।

कोरोना काल में जनता को हर संभव मदद मुहैय्या कराने के साथ हर मुश्किल वक्त में क्षेत्रवासियों को और पूरे महकमे को अपडेट किया और सोशल नेटवर्किंग के तहत चाहे कोरोना महामारी में जागरूकता के लिये किया गया संवाद हो. या क़ाबिल डॉक्टर्स के साथ लाइव मनोवैज्ञानिक

और कोरोना के शुरुआती सिम्टम्स ( श्वास )सम्बन्धी रोगों के उपचार कैसे और क्या सावधारियां बरती जायें इस पर भी संजीदगी के साथ जानकारी मुहैया करायीं, बेसहारा और ज़रूरतमंद लोगो तक राशन सामग्री समय पर पुलिस के जवान पहुचाते रहे ,जब किसी का दुनिया से विदा हुआ नमय आंखों से अंतिम संस्कार भी किया असहाय गरीबों और बुज़ुर्गों को राशन या अन्य ज़रूरत का सामान उपलब्ध कराते समय अपने सर दुआओं और आशीर्वादों का सेहरा भी सजाया ।

ये बात कहने में गुरेज नहीं को एसएसपी प्रति प्रदर्शनी ने जनता के दिलों में पुलिस का इकबाल बुलंद किया साथ ही पूरे राज्य के साथ देश में भी नैनीताल पुलिस ने कि एक मिसाल पेश की जिसको जरूर आने वाले दौर में याद रखा जाएगा ” वह कड़क ख़ाकी वर्दी जो झेलती है सड़कों पर लू के थपेड़ों को

जो सर्दी की सर्द रातों में ड्यूटी बजाते हैं राहों पर ,जिन जवानों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार किया अपना खून दे कर बचाने में लगे रहे लोगों की कीमती जनों को…

दिल से सलाम : नैनीताल पुलिस (U.K)

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