केदारनाथ हादसे पर सवाल सुन भड़के भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम, बोले– ‘आप भी हेलीकॉप्टर चला लो ताकि लोग ना मरें! VIDEO.

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उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में हुए हेलीकॉप्टर हादसे को लेकर जहां देशभर में शोक और सवाल का माहौल है, वहीं भाजपा उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

आज सुबह केदारनाथ के पास एक हेलीकॉप्टर रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम से वापस फाटा आ रहा हेलिकॉप्टर रविवार की सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर क्रैश हो गया. हादसा इतना विभत्स था कि हेलिकॉप्टर में सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई. इस घटना ने एक बार फिर उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पत्रकार ने पूछा सवाल, भाजपा नेता भड़क गए

हेलीकॉप्टर क्रैश को लेकर एक पत्रकार ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम से सवाल किया कि बार-बार हो रहे ऐसे हादसों पर सरकार की क्या तैयारी है और जिम्मेदारी किसकी बनती है?

इस पर दुष्यंत गौतम ने नाराजगी भरे अंदाज़ में जवाब दिया:

> “आप कोई योजना बना लीजिए, आप हेलीकॉप्टर चला लीजिए, जिसमें कोई न मरे। आप बहुत बड़े महापुरुष हैं, गारंटी दीजिए कि कोई हादसा नहीं होगा!”



सोशल मीडिया पर उठे सवाल
दुष्यंत गौतम का यह बयान देखते ही देखते वायरल हो गया। यूज़र्स ने इसे असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। कुछ लोगों ने कहा कि “जब नेता संवेदना की जगह तंज देने लगें, तो समझ लीजिए ज़मीन से संपर्क टूट चुका है।”

क्यों हो रहे हैं हेलीकॉप्टर क्रैश.. क्या ज्यादा पैसा कमाने की होड़ में जान से खिलवाड़ ?

रुद्रप्रयाग जनपद में रविवार तड़के एक बार फिर हेलीकॉप्टर क्रैश होने से सात लोगों की जान चली गई। केदारनाथ रूट पर श्री केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के पास क्रैश हो गया। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे।

इस दर्दनाक हादसे में सातों लोगों की मौत हो गई, मृतकों में 23 महीने की बच्ची भी शामिल है। खराब मौसम के बावजूद हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति देना साफ करती है कि कंपनी को सिर्फ पैसा कमाने से सरोकार है,क्या यात्रियों की जान की परवाह किसी को भी नहीं है।


बीते कई सालों में उत्तराखंड में हुए इन हादसों से यही बात उभर कर सामने आई है कि खराब मौसम के बावजूद एविएशन कंपनियां बेतरतीब उड़ान भरती हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। यहां हेलीकॉप्टर इस तरह से लगातार उड़ान भरते हैं, मानो शहरों चलने वाली ऑटो सेवा हो, जो बिना रुके यात्रियों को ढोते रहते हैं।

उत्तराखंड में अब तक हुए हेलीकाप्टर हादसों में से ज्यादातर हादसे केदारघाटी में हुए हैं और इसमें भी अधिकतर का कारण खराब मौसम रहा। केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, फाटा, सिरसी सहित अन्य जगहों से 9 एवियेशन कंपनियां हेली सेवा देती हैं।

इन सभी कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए रूट भी निर्धारित हैं, लेकिन ज्यादातर हेलीकॉप्टर ईंधन और समय बचाने के लिए निर्धारित ऊंचाई से नीचे उड़ान भरते हैं। यहां तक कि गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच संकरी घाटियों से होकर हेलीकॉप्टर जाते हैं, जबकि रामबाड़ा से आगे गरुड़चट्टी और केदारनाथ के बीच घाटी में धुंध होती है जिसके कारण विजिबिलिटी भी कम हो जाती है।

रविवार को हुए हादसे में जहां एक बच्ची समेत सात लोगों की जान चली गई तो वहीं पूर्व में हुए हादसों के घाव भी ताजा हो गए। उत्तराखंड के लोग हादसे में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त कर रहे हैं। वहीं, हेलीकॉप्टर कंपनियों को कोस रहे हैं।

एक नज़र डालिये – लगातार लापरवाही और हादसों पर


इससे पहले 7 जून को भी हादसा होने से बचा – रविवार तड़के क्रैश हुआ हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था, जबकि 7 जून को तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग में सड़क पर हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। वह हेलीकॉप्टर भी आर्यन एविएशन कंपनी का था। तकनीकी खराबी के चलते पायलट ने हेलीकाप्टर को बीच सड़क पर ही उतार दिया था। जिसका पीछे का हिस्सा कार पर गिरते ही टूट गया था। कार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।

8 मई को भी हेलीकॉप्टर हादसे में पांच की मौत हुई थी – 8 मई को उत्तरकाशी जनपद में भी सुबह के समय हेलीकाप्टर क्रैश हो गया था। यहां गंगोत्री धाम दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं का हेलीकॉप्टर क्रैश होकर जंगल में गिर गया था, जिसमें पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। उत्तरकाशी में हुए हेलीकॉप्टर हादसे के दौरान बारिश हो रही थी। मौसम विभाग ने सात और आठ मई के लिए भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया हुआ था, लेकिन फिर भी यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ किया गया।

24 मई 2024 को क्रिस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर लिनचोली में मंदाकिनी नदी के पास अचानक से लैंडिंग से पहले ही लहरा गया। पायलट ने किसी तरह हेलीपैड से ही कुछ दूरी पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई, जिससे 6 लोग बाल-बाल बच गए।


इस हेलीकाप्टर को मरम्मत के लिए एमआई-17 विमान की मदद से गौचर हवाई पट्टी पर ले जाया जा रहा था। 31 अगस्त 2024 को हेलीकाप्टर को ले जाते समय एमआई-17 का संतुलन बिगड़ गया। खतरे को भांपते हुए पायलट ने थारू शिविर के पास खाली स्थान देखकर हेलीकॉप्टर को घाटी में उतार दिया।

2 अक्टूबर 2023 में गुप्तकाशी से पांच तीर्थयात्रियों को लेकर जा रहे हेलीकॉप्टर की केदारनाथ पुराने पैदल मार्ग पर इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। गनीमत रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई।

18 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ से उड़ान भरने के दौरान गरुड़ चट्टी में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट समेत 7 लोगों की जान चली गई थी। 23 अप्रैल 2023 को यूकाडा के वित्त महाप्रबंधक अमित सैनी की केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर की टेल रोटर से कटकर मौत हो गई थी।


23 सितंबर 2019 को केदारनाथ धाम में हेलीपैड पर लैंडिंग के वक्त एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे के समय हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 7 लोग सवार थे, जिन्हें हल्की चोटें आई थीं।
23 अगस्त 2019 में आराकोट में ही एक और हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग हुई, जिसमें एक पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया था।
21 अगस्त 2019 को उत्तरकाशी के आराकोट में आपदा रेस्क्यू अभियान में जुटा हेलीकॉप्टर ट्रॉली के तारों में उलझ कर हादसे का शिकार हो गया था। इस हादसे में पायलट समेत तीन लोगों की जान चली गई थी।
3 अप्रैल 2018 को सेना का हेलीकॉप्टर बिजली के तार में उलझ कर दो हिस्सों में टूट कर क्रैश हो गया था। गनीमत रही कि हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोग सुरक्षित बच गए थे। वहीं, 2019 में एक बार फिर केदारनाथ में तकनीकी खराबी के कारण हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई।
वर्ष 2016 में टेक ऑफ करते समय हेलीकॉप्टर का दरवाजा अचानक हवा में खुल गया, जिसकी वजह से यह हेलीकॉप्टर क्रैश होने से बाल-बाल बच गया था। 10 जून 2017 को बद्रीनाथ धाम में टेक ऑफ करते समय हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें एक चीफ इंजीनियर की जान चली गई थी।

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