हल्द्वानी में सील मदरसों पर हाईकोर्ट में सुनवाई_ शपथ पत्र दें कि धार्मिक गतिविधियां नहीं होगी..

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उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में बिना पंजीकरण के चल रहे अवैध मदरसों को जिला प्रशासन द्वारा 14 अप्रैल के आदेश से सील करने के मामले में मदरसों की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। न्यायमूर्ती रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने मदरसों से कहा कि वो प्रशासन को शपथपत्र देकर बताएं कि वो इनमें कोई धार्मिक, शैक्षणिक के साथ नमाज आदि के कार्य नही होंगे। इनमें क्या खोला जाएगा, उसपर निर्णय राज्य सरकार लेगी।


मामले के अनुसार, मदरसा अब्बू बकर सिद्धकी, मदरसा जिनन्त उल कुरान, मदरसा दारुल उल इस्लामिया ने उच्च न्यायलय में याचिकाएं दायर कर कहा कि जिला प्रशासन ने बिना नियमों का पालन किये कई मदरसों को 14 अप्रैल 2025 को सील कर दिया, जबकि मदरसों में शिक्षण संस्थान चल रहे थे।

इसका विरोध करते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि ये मदरसे अवैध रूप से चल रहे थे। इनका पंजीकरण नहीं हुआ है। इनमें शैक्षणिक, धार्मिक अनुष्ठान और नमाज भी हो रही है। ये सभी मदरसे किसी व्यक्ति विशेष अथवा अन्य द्वारा संचालित किये जा रहे हैं, इसलिए इन्हें सील किया गया है। सरकारी अधिवक्ता ने ये भी कहा कि जो मदरसे पंजीकृत थे, उन्हें प्रशासन ने सील नहीं किया है। उनको सरकार की तरफ से मिलने वाला अनुदान भी मिल रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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