2016 में हुई बग़ावत के ज़िम्मेदार हरीश रावत – प्रीतम ..साख़ बचाने की कोशिश कर रहे हरदा..
उत्तराखंड की सियासत में कांग्रेस के अंदर एक बार फिर जबरदस्त भूचाल आया हुआ है कांग्रेस पार्टी में उठी अंतर्द्वंद और अंतर्कलह की लपटें जल्द शांत नहीं होने वालीं. अब तो गड़े मुर्दे उखाड़कर भी एक दूसरे पर जमकर छीटाकशी हो रही है. ऐसा ही एक मुद्दा 2016 में कांग्रेस में हुई टूट का है. उस दौरान कांग्रेस में टूट के चलते हरीश रावत की सरकार अस्थिर हो गई थी. एक बार फिर से जब 2016 के जख्मों को कुरेदा गया तो हरीश रावत का दर्द छलक पड़ा. हरीश रावत का कहना है कि उससे मैं भी आहत हूं. अगर वह दलबदल नहीं होता तो 2017 में कांग्रेस की सरकार होती. लेकिन उसके पीछे असल वजह क्या थी?
हरीश रावत ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदारी
उस दलबदल में पैसे का महत्व कितना था इसे भी देखा जाना चाहिए. हरीश रावत ने अन्य राज्यों का भी उदाहरण दिया, जहां पर कांग्रेस में टूट हुई और सरकार गिरी. इसके लिए हरीश रावत ने सीधे तौर पर बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. हरीश रावत का कहना है कि 2016 की टूट के लिए हरीश रावत को जिम्मेदार ठहरा कर भाजपा को लोकतंत्र की हत्या के पाप से मुक्त नहीं किया जा सकता है.
प्रीतम सिंह और हरीश रावत में चल रही जुबानी जंग
दरअसल, नाम लिए बगैर हरीश रावत ने यह निशाना कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह पर साधा है. क्योंकि प्रीतम सिंह और हरीश रावत के बीच चल रहा अंतर्द्वंद एक बार फिर से सतह पर आ गया है. जहां पर दोनों के बीच एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप और जुबानी हमले किये जा रहे हैं.
हरीश – प्रीतम की जुबानी जंग में नया मोड़
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के बीच जुबानी जंग में नया मोड़ आ गया है। प्रीतम सिंह ने हरीश रावत पर हमला बोलते हुए उन्हें वर्ष 2016 में कांग्रेस में हुई बगावत के लिए सीधे जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वर्तमान कमजोर हालत का कारण वही घटनाक्रम है।
हरीश रावत ने सामूहिक नेतृत्व के मुद्दे पर साधा था निशाना
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने हरीश रावत की ओर से किए गए प्रहार पर पलटवार किया। पांचवीं विधानसभा के चुनाव में हार को लेकर हरीश रावत ने सामूहिक नेतृत्व के मुद्दे पर निशाना साधा था। चुनाव में प्रीतम सिंह बार-बार सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात कहते रहे थे। रावत ने चुनाव में हार को बार-बार मुद्दा बनाने के लिए प्रीतम सिंह को निशाने पर लिया है।
शनिवार को मीडिया से बातचीत में प्रीतम सिंह ने 2016 में कांग्रेस में हुई बगावत के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वर्तमान हालत 2016 की बगावत की वजह से हुई। किसी को भी यह गुमान नहीं होना चाहिए कि उनकी वजह से हार-जीत होती है।
कांग्रेस के लोग चुनाव पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ते हैं। हाथ के चुनाव चिह्न के साथ जनता के बीच जाते हैं। कई बार जीतते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में उत्तराखंड में जो घटनाक्रम हुआ, उसमें बहुत सारे लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए। इससे कांग्रेस कमजोर हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि हरीश रावत जैसे बड़े नेता हर मामले में उनका नाम लेते हैं तो वह क्या कर सकते हैं।
साख बचाने की कोशिश कर रहे हरदा : चौहान
भाजपा ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी विवाद को लेकर एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर निशाना साधा। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने रावत के न्यायालय जाने वाले बयान को उनकी कांग्रेस में बची खुची राजनीतिक जमीन बचाने की अंतिम कोशिश बताया है ।
शनिवार को एक बयान जारी कर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी की घोषणा का जिक्र किसी भाजपा पदाधिकारी ने नहीं, बल्कि स्वयं उस बैठक में मौजूद उनकी ही पार्टी के पदाधिकारी ने किया था।
बेहतर होता कि हरीश रावत उसी समय अपने पदाधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते लेकिन एक वर्ग विशेष के वोट के लालच में उन्होंने इस मुद्दे को कभी पूरी तरह से नकारा भी नहीं है। अब हरीश रावत इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराकर कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। यह बातों को घुमाने की उनका प्रयास है।
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