उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हैड़ाखान में बीती 15 नवंबर को आए भूस्खलन का मलवा अभी पूरी तरह से हटा भी नहीं था कि आज दोबारा मलुवा आने से काठगोदाम हैड़ाखान मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। परेशान ग्रामीण अब अपना कृषि उदपाद और गैस सिलेंडर जैसे जरूरी सामान सिर पर बोककर आर पार ले जाते दिखे।
नैनीताल जिले में हलद्वानी के काठगोदाम बाई पास से हैड़ाखान के लिए एक मार्ग जाता है। इस मार्ग में बीती 15 नवंबर की देररात मलुवा आने से वो पूरी तरह से बंद हो गया। मार्ग को 16 नवंबर को लोक निर्माण विभाग ने छोटी मशीन से खुलवाया। आज यहां दोबारा मलुवा आ गया जिसमें प्रशासन की बड़ी जे.सी.बी.मशीन भी काम नहीं कर सकी।
गांव का मुख्य मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को कई बड़ी दिखकतों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों को गांव से अपनी कृषि उपज शहर में बेचने जानी थी, जिसे मार्ग बंद होने के कारण सिर पर ही बोककर ले जाना पड़ा। घर में गैस सिलेंडर खत्म होने पर गैस का भरा सिलेंडर भी पहुंचाना था। गांव में बीमार, वृद्ध, स्कूली बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी इधर से उधर आसानी से नहीं आ जा सकी। ग्रामीण पैदल ही अपना रास्ता नापते दिखे। अब ग्रामीण गौलापार के खेड़े से विजयपुर, ओखलढुंगा की तरफ बने पी.डब्ल्यू.डी.के पैदल मार्ग को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में मोटर मार्ग बनाने की मांग कर रहे हैं, तांकि गांव से फल, अनाज, कृषि, दूध उदपाद आदि को मंडी और बाजार पहुंचाया जा सके।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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