हल्द्वानी बवाल केस : पूर्व भाजयुमो मंत्री विपिन पांडे को सख्त शर्तों पर जमानत

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हल्द्वानी के उजाला नगर में 16 नवंबर को हुए तनावपूर्ण घटनाक्रम के मामले में गिरफ्तार भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के पूर्व प्रदेश मंत्री विपिन पांडे को अदालत ने सख्त और कड़ी शर्तों के साथ जमानत दे दी है। बीते दिनों उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। शनिवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) की अदालत में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जहां साक्ष्यों के अभाव का हवाला देते हुए उन्हें सशर्त रिहाई(जमानत) दे दी।

कड़ी शर्तों के साथ जमानत मंजूर

अभियुक्त को दो जमानती एवं भारी मुचलका राशि जमा करनी होगी।

अभियुक्त किसी भी प्रकार साक्ष्यों से छेड़छाड़, गवाहों/पीड़ितों को प्रभावित करने या कानून-व्यवस्था के विपरीत गतिविधियों में शामिल नहीं होगा।

दण्ड प्रक्रिया संहिता के अनुसार निष्पादित बन्धपत्र की सभी शर्तों का पालन करते हुए नियत तिथियों पर न्यायालय में नियमित उपस्थित होना अनिवार्य रहेगा।

अभियुक्त इस प्रकार के अपराध की पुनरावृत्ति या हिंसक कृत्यों से पूर्णतः विरत रहेगा।

वह मामले से जुड़े किसी व्यक्ति या अधिकारी को किसी भी प्रकार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित या डराने-धमकाने का प्रयास नहीं करेगा।

किसी भी शर्त के उल्लंघन पर तत्काल प्रभाव से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

जानिए – क्या था पूरा मामला

16 नवंबर को उजाला नगर इलाके में बछड़े का कटा सिर मिलने से क्षेत्र में तनाव फैल गया था। घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन किए, जिसके दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

इसी घटनाक्रम के दौरान कमलुवागांजा निवासी एवं पूर्व भाजयुमो नेता विपिन पांडे पर आरोप लगा कि उन्होंने भीड़ को उकसाया और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गुरुवार शाम हिरासत में लिया और शुक्रवार सुबह कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

जमानत सुनवाई में क्या हुआ

शनिवार को एसीजेएम कोर्ट में जमानत याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ताओं नीरज कैड़ा, रोशनी मिश्रा और संजय तिवारी ने तर्क दिया कि जांच अभी जारी है और अभियुक्त इसमें पूरा सहयोग करेगा। वहीं, साक्ष्यों के अभाव का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने जमानत देने का आग्रह किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कड़ी शर्तों के तहत जमानत मंजूर कर ली।

यह मामला अब भी जांचाधीन है और पुलिस घटनाक्रम से जुड़े तथ्यों की गहनता से पड़ताल कर रही है।

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