उत्तराखंड/हल्द्वानी : जनपद नैनीताल काठगोदाम स्थित हज़रत शेर अली बाबा की दरगाह के आसपास बने निर्माण को वन विभाग ने अतिक्रमण की श्रेणी में मानते हुए उसे दो सप्ताह में तोड़ने का आदेश दिया है। 8 सितंबर तक अतिक्रमण तोड़ने का आदेश जारी हुआ है।
प्राधिकृत अधिकारी प्रभागीय वनाधिकारी बाबू लाल की ओर से आदेश की प्रति दरगाह कमेटी के सचिव हशमत अली को दी गयी है। जिसमें कहा गया है कि मज़ार शेर अली बाबा गजट नोटिफिकेशन दिनांक 24 नवंबर 1984 से आच्छादित है। दरगाह को छोड़कर अन्य अवैध रूप से निर्मित पक्के भवन/गुंबदनुमा धर्मिक संरचना को आरक्षित वन भूमि से अपना अध्यासन समाप्त कर पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त कर दें।
आदेश में लिखा है यदि निर्धारित समय अवधि के अन्तर्गत ऐसा नहीं किया गया तो अतिक्रमण हटाने के लिए बल का प्रयोग किया जाएगा। इस संबंध में दरगाह कमेटी के सचिव हशमत अली ने बताया कि नोटिस प्राप्त हुआ है। लेकिन नोटिस में स्पष्ट रूप से इंगित नहीं किया गया है तो दरगाह की भूमि की पैमाइश कितनी है।
दरगाह से सटी भूमि पर पहले से ही मस्जिद और ईदगाह बनी हुई है जहां पर हर वर्ष उर्स के मौके पर जायरीन ठहरते हैं। दरगाह से इतर कितनी भूमि को वन विभाग ने अतिक्रमण की श्रेणी में रखा है इसका भी कोई उल्लेख आदेश में नहीं है। गुंबदनुमा कोई भी इमारत दरगाह के अलावा मौके पर नहीं है। जबकि आदेश में लिखा है कि गुंबदनुमा धार्मिक संरचना को तोड़ा जाए। हशमत अली ने बताया नोटिस को वन विभाग के कंर्जेवेटिव के समक्ष चुनौती दी जाएगी। उन्होंने वन विभाग पर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को चिन्हित कर अतिक्रमण की आड़ में निशाना बनाया जा रहा है।
आदेश —– मजार शेर अली बाबा गजट नोटिफिकेशन दिनांक 24 नवम्बर 1984 से आच्छादित है। अतः प्रतिपक्षी हसमत अली पुत्र स्व0 महफूज अली, सचिव मजार शेर अली बाबा, इन्तजामियां कमेटी वक्फ सं0 79. गौलापुल, काठगोदाम, नैनीताल को निर्देशित किया जाता है कि यह दिनांक 08.09.2023 तक छकाता राजि अर्न्तगत सुल्ताननगरी वन ब्लॉक में स्थित मजार शेर अली बाबा को छोड़ते हुए अन्य अवैध रूप से निर्मित पक्के भवन / गुम्बदनुमा धार्मिक संरचना को आरक्षित वन भूमि से अपना अध्यासन समाप्त कर पूरी तरह अतिक्रमण से मुक्त कर दें। यदि आप निर्धारित समय अवधि के अन्तर्गत ऐसा करने में विफल रहते हैं तो यह मान लिया जायेगा कि आप आरक्षित वन भूमि से अवैध अध्यासन समाप्त करने के इच्छुक नहीं हैं। ऐसी स्थिति में वन क्षेत्राधिकारी छकाता राजि एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी नन्धौर हल्द्वानी वन प्रभाग, हल्द्वानी को निर्देशित किया जाता है कि भारतीय वन (उत्तरांचल संशोधन) अधिनियम, 2001 की धारा 61क (3) के तहत उक्त आरक्षित वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए उत्तराखण्ड सरकार / वन विभाग के कब्जे में प्राप्त कर लेंगे। यदि अतिक्रमण हटाने हेतु किसी भी प्रकार के पुलिस बल या अतिरिक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की आवश्यकता होगी तो वह ऐसी सहायता लेकर बल पूर्वक अतिक्रमण को खाली कराने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे आदेश की एक-एक प्रति अपीलीय अधिकारी / वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त, उत्तराखण्ड हल्द्वानी को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की जाय आदेश की एक-एक प्रति वन क्षेत्राधिकारी, छकाता राजि एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी, नन्धौर, हल्द्वानी वन प्रभाग, हल्द्वानी एवं विपक्षी हसमत अली, सचिव शेर अली बाबा गोलापुल, काठगोदाम, नैनीताल को प्रेषित कर दी जाय। वन क्षेत्राधिकारी, छकाता राजि हल्द्वानी वन प्रभाग, हल्द्वानी को यह भी निर्देशित किया जाता है कि आदेश की एक प्रति प्रतिवादी को स्वयं हस्तगत कराते हुए अनुपालन आख्या प्रस्तुत की जाये।
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