हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे ज़मीन मामले की जहां 7 फरवरी को सप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है जिसको देखते हुए बीते शनिवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रभावितों ने अपने दस्तावेज पेश किए थे और तय हुआ था कि रविवार को जमीन का सर्वे किया जाएगा। इसी कड़ी में आज रविवार को संयुक्त विभागों द्वारा क्षेत्र का सीमांकन शुरू हो गया है।
बता दें कि डीएम ने इसके लिए राजस्व, नगर निगम, वन विभाग और रेलवे की संयुक्त टीम बनाई है। फिलहाल वक्त की बात करें तो मौके पर रेलवे, वन विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम, जिला प्रशासन की टीम और भारी पुलिस फोर्स मौजूद है।
बीते दिन बैठक में ये भी तय हुआ था कि हजरत चिराग अली शाह बाबा की दरगाह और गौला रोखड़ स्थित स्लाटर हाउस को लैंड मार्क मानकर सर्वे करेगी। सीमांकन शुरू हो गया है। इसमें राजस्व, नजूल और वन भूमि की पैमाईश की जाएगी।
दरअसल इस मामले में अगली सुनवाई सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। हाईकोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है।
सालों से बसे लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि वह जिस भूमि पर बसे हैं। वह भूमि सालों पहले सरकार से पट्टे के रूप में मिली है। सभी पहलुओं को जानने के लिए प्रशासन, रेलवे, पुलिस मिलकर रविवार से दोबारा सीमांकन करने के लिए पहुंचे। नए सीमांकन से बनभूलपुरा में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण का सटीक आंकलन होगा।तीनों विभागों के संयुक्त सर्वें से अब पता चलेगा कि मंदिर, मस्जिद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, इंटर कालेज, पानी की टंकी आदि सरकारी भवन रेलवे की भूमि में बने हैं या फिर राजस्व व नजूल की भूमि पर।
सर्वे में अपर जिलाधिकारी नैनीताल अशोक जोशी, उपजिलाधिकारी हल्द्वानी मनीष कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी हल्द्वानी भूपेंद्र सिंह धौनी, कोतवाल हल्द्वानी हरेंद्र चौधरी, थाना अध्यक्ष बनभूलपुरा नीरज भाकुनी, व संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]