उत्तराखंड – जनपद नैनीताल में हल्द्वानी के बनभूलपुरा में कल अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान हुए उपद्रव और आगजनी के बाद आज जिलाधिकारी वंदना सिंह और एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने हिंसा में 2 लोगों की मृत्यु की पुष्टि कीहै। बताया कि बिना उकसावे की कार्रवाई के अधिकारियों को थाने में जिंदा जलाने की कोशिश की गयी। अभी हल्द्वानी में स्थितियां नियंत्रण में हैं।।
शहर में 1100 पुलिस कर्मी तैनात हैं। कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी है। यह घटना कानून एवं राज्य को चुनौती थी, हमला था। एसएसपी ने कहा कि 4 उपद्रवी उनके कब्जे में हैं। ढाई घंटे के भीतर पूरे मामले को नियंत्रित कर लिया गया।
उत्तराखंड : जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में अतिक्रमण को ध्वस्त करने गई पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम पर हमले, पथराव और आगजनी मामले में आज शुक्रवार को नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
जिलाधिकारी वंदना ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया, “हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद हल्द्वानी में कई जगहों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई है। सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए, कुछ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से ध्वस्तीकरण अभियान चलाया गया। यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी।
जिलाधिकारी वंदना ने कहा, “आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है।”
डीएम ने कहा कि, “भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा…पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
जिलाधिकारी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया “भीड़ ने पुलिस स्टेशन को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आरोपियों की पहचान की जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह (घटना) सांप्रदायिक नहीं थी।
आपको बता दें कल यानी बीते रोज गुरुवार हल्द्वानी के बनभूलपुरा में को अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के दौरान भड़की हिंसा के बाद अगले आदेशों तक शहर में कर्फ्यू जारी कर दिया गया है। नगर के सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
स्टेट और कानून व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास- जिलाधिकारी नैनीताल
परिसंपत्तियों के नुकसान में मुख्य रूप से थाना को पूरी तरह से नुकसान हुआ है। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को क्षतिग्रस्त कर दिया…यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी। तो इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील न बनाया जाए। किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की…यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने का एक प्रयास था…शाम को फिर से ब्रीफिंग की जाएगी।
UCC के जश्न के बीच अवैध अतिक्रमण हटाने की टाइमिंग पर उठे सवाल – हल्द्वानी की चिंगारी को नहीं भांप पाया खुफिया तंत्र – स्थानीय लोगों ने महिला पुलिसकर्मियों की जान बचाई–
उत्तराखंड की शांत फिजा को झकझोर को रख देने वाला हल्द्वानी हिंसा का ये काला चैप्टर याद रखा जाएगा। जब खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल हो गया। सड़कों पर गाड़ियां जलाई जा रही थी और पुलिस कर्मियों के साथ मीडिया कर्मियों को भी जान के लाले पड़े थे।
सड़कों पर खुलेआम वाहन जलाये गए। उग्र भीड़ ने थाने और कई वाहनों को आग के हवाले किया। हिंसा से जुड़े वीडियो सामने आने से पता चल रहा है कि किस तरह लोगों का विरोध देखते ही देखते हिंसा के चरम पर पहुँच गया। जबकि खुफिया तंत्र इस चिंगारी को भांप नहीं पाया। हल्द्वानी का यह इलाका पहले से ही संवेदनशील माना जाता रहा है। यूसीसी विधेयक पास होने के ठीक बाद बिना पूरी तैयारी के अवैध अतिक्रमण तोड़ने गयी प्रशासनिक टीम के अधिकारी भी बमुश्किल जान बचा पाए। कुछ महिला पुलिसकर्मियों को स्थानीय लोगों ने अपने घर में शरण देकर व अपने वस्त्र देकर जान भी बचाई।गुरुवार को अवैध अतिक्रमण हटाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक दिन पहले सात फरवरी को ही समान नागरिक संहिता विधेयक पास किया गया। इस विधेयक को लेकर भी एक समुदाय का हिस्सा काफी उद्वेलित नजर आ रहा था। कहीं खुले तो कहीं दबे स्वरों में यूसीसी का विरोध जारी था। इसी बीच, आधी अधूरी तैयारी के साथ मलिक के बगीचे में अतिक्रमण को तोड़ने सरकारी अमला पहुंच गया। भीड़ के आक्रोश का अंदाजा नहीं लगा पाए। और उपद्रवी हावी होते चले गए।बहरहाल, सीएम धामी ने उच्च स्तरीय बैठक के बाद शांति की अपील की है। हल्द्वानी में कर्फ्यू जारी है। स्कूल बंद है। जली गाड़ियों से वाहनों का धुआं उठ रहा है। घायलों का दर्द मरहम दूर नहीं कर पा रहा है। भारी हिंसा-2 मौतों- कई घायल- संपत्तियों और वाहनों का बड़े पैमाने पर नुकसान के बाद खिलखिलाते शहर में (सन्नाटा) मातम पसरा हुआ है।
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