देहरादून : भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने आज उत्तराखंड राज्य में जलापूर्ति, स्वच्छता, शहरी गतिशीलता और अन्य सेवाओं के स्तर को बेहतर बनाने के लिए 200 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
उत्तराखंड जीवन-यापन सुधार परियोजना के लिए ऋण समझौते पर सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री जूही मुखर्जी और एडीबी की ओर से भारत में इंडिया रेजिडेंट मिशन की निदेशक सुश्री मियो ओका ने हस्ताक्षर किए।
सुश्री मुखर्जी ने कहा कि यह परियोजना भारत सरकार के शहरी विकास एजेंडे के साथ-साथ शहरी सेवाओं में विस्तार के लिए उत्तराखंड सरकार की पहल के अनुरूप है। इसका उद्देश्य शहरों में रहने की स्थितियों को बेहतर बनाना और स्थिरता को बढ़ावा देना है।
सुश्री मियो ने कहा, “इस परियोजना का उद्देश्य ऐसे शहरी बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है जो बाढ़ और जलवायु और पर्यावरणीय में हो रहे परिवर्तन के कारण भूस्खलन जैसे जोखिमों से निपटने में सक्षम हो और उत्तराखंड की आबादी की सुरक्षा और स्वास्थ्य दोनों सुनिश्चित हो सके। यह परियोजना प्रबंधन, जलवायु और आपदा-रोधी योजना, अपने स्रोत से राजस्व सृजन और लैंगिक भेदभाव खत्म करने के लिए राज्य एजेंसियों में क्षमता निर्माण भी करेगी।”
उत्तराखण्ड के आर्थिक केंद्र हल्द्वानी में यह परियोजना परिवहन, शहरी गतिशीलता, जल निकासी, बाढ़ प्रबंधन और सभी सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाएगी। इसके अतिरिक्त, इससे कुशल और जलवायु-अनुकूल जल आपूर्ति प्रणालियों को विकसित करके चार शहरों- चंपावत, किच्छा, कोटद्वार और विकासनगर में जल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होगा।
परियोजना के तहत हल्द्वानी में, 16 किलोमीटर लंबी जलवायु-अनुकूल सड़कों का निर्माण किया जाएगा, आधुनिक यातायात प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी, साथ ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएगी।
आपदा के समय शहर में बचाव के लिए बाढ़ प्रबंधन में सुधार के लिए 36 किलोमीटर लंबी वर्षा जल निकासी तथा सड़क किनारे नालियों का निर्माण किया जाएगा और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित की जाएगी। लोगों को सार्वजनिक सेवाएं और बेहतर ढंग से मुहैया कराने के लिए हरित-प्रमाणित प्रशासनिक परिसर तथा बस टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा।
अन्य चार शहरों में, इस परियोजना का लक्ष्य स्मार्ट वाटर मीटर, 26 ट्यूबवेल, नए जलाशयों और 3.5 मिलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले जल शोधन संयंत्र के निर्माण के साथ 1,024 किलोमीटर लंबी जलवायु-अनुकूल पाइपलाइनें बिछाकर प्रत्येक घर तक जल पहुंचाना है। विकासनगर में सीवेज शोधन सुविधाओं द्वारा स्वच्छता के दायरे को बढ़ाया जाएगा, जिससे लगभग 2,000 घरों को लाभ होगा।
इस परियोजना के माध्यम से बस चालान, टिकटिंग और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों के रख-रखाव से आजीविका चलाने के कौशल के प्रशिक्षण जैसी पहल महिलाओं के लिए की जाएगी। जल आपूर्ति प्रणालियों की निगरानी में महिलाओं की भूमिका के महत्व को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना के तहत जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाओं के संचालन और प्रबंधन में कमजोर परिवारों को शामिल करते हुए महिलाओं में क्षमता निर्माण किया जाएगा।
यूरोपीय निवेश बैंक 191 मिलियन डॉलर की राशि से इस परियोजना को समानांतर आधार पर सह-वित्तपोषित कर रहा है।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]