कर्नाटक से स्कूटर पर देवभूमि पहुंचे कृष्णा,श्रवण बन कर पूरा कर रहे मां का सपना

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नैनीताल : लालकुआं हर धर्म में माता पिता को ईश्वर के बराबर का दर्जा दिया गया है रामायण काल के बाद भले ही समय कितना आगे बढ़ गया हो लेकिन आज भी लोगों में वही आदर्श कभी कभी दिख जाते हैं कुछ ऐसा ही नजारा आज लालकुआं में देखने को मिला जब कर्नाटक प्रदेश के मैसूर निवासी कृष्णा कुमार अपनी नौकरी,अपना मकान सब कुछ छोड़कर अपनी 73 बर्षीय मां को 20 बर्ष पुराने स्कूटर से देवभूमि के सभी तीर्था स्थालो के दर्शन करने आये है ।

उनके यहां पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया वही मां बेटे की इस जोड़ी को जो भी स्कूटर से यात्रा करते देखता है उसका मन में पितृपक्ष “श्रवण कुमार ” की स्मृति ताजा हो जाती है इधर 44 बर्षीय कृष्णा की मां ने कृष्णा के पिता के निधन के बाद धार्मिक यात्रा की इच्छा जताई परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी न होने के चलते कृष्णा ने घर में मौजूद पिता द्वारा तोहफे में दिया गया 20 साल पुराने स्कूटर को ठीक कराया और मां को लेकर तीर्थ यात्रा कराने निकल पड़ा।

मैसूर के डां दक्षिणामूर्ति कृष्णा कुमार बीते पांच सालों से मां चूड़ा रत्रम्मा को स्कूटर से देश के विभिन्न शहरों के धार्मिक स्थलो की यात्रा करवा रहे हैं।

इधर कृष्णा कुमार ने बताया कि वे अभी तक अपनी मां को लेकर स्कूटर से 69 हजार किलोमीटर से अधिक का सफर करा चुके हैं कृष्णा कहते हैं कि मेरे लिए मां को देश के एक एक मंदिर का दर्शन कराना है उन्होंने कहा बताया कि वे मैसूर स्थित वोगादी के निवासी हैं वे पहले एक कंपनी में कापोर्रेट टीम लीडर की नौकरी करते थे नौकरी के समय की गई बचत और उसके ब्याज से खर्च चलता है उन्होंने कहा कि आज वे हल्द्वानी पहुंचे हैं इस दौरान उनका स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है इसके लिए उन्होंने सभी आभार व्यक्त किया।

कृष्णा कुमार की मां कहती हैं आज के युग में श्रवण जैसा पुत्र पाकर वे धन्य है उन्होंने कहा कि उनका बेटा उन्हें अभी तक देश के सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करा चुका है उन्होंने कहा कि देश के हर बेटे से मां और पिता की सेवा करने कि अपील की है।

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