देहरादून में बीते दिनों यानी 9 फरवरी को प्रदर्शन के दौरान गांधी पार्क राजपुर रोड पर बेरोजगार युवकों द्वारा किये जा रहे धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ उपद्रवी व्यक्तियों द्वारा मौके पर उपस्थित पुलिस बल पर पथराव करते हुए सरकारी व सार्वजनिक वाहनों को नुकसान पहुँचाया गया।
अत: आम जनमानस से अनुरोध है कि उक्त फोटो तथा वीडियो में दिख रहे उपद्रवियो की पहचान हेतु यदि आपके पास कोई भी जानकारी हो तो कृपया आप जनपद पुलिस को मोबाइल नम्बर 9997233033 पर व्हट्सअप के माध्यम से उपलब्ध करा सकते हैं। आपकी पहचान पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जायेगी।
नौ फरवरी को राजपुर रोड स्थित गांधी पार्क के बाहर पथराव करने वाले कुछ उपद्रवियों को पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर चिह्नित किया है।
पुलिस की ओर से उपद्रवियों की फोटो भी सार्वजनिक किए गए हैं। साथ में आमजन से अपील की है कि यदि वह पत्थरबाजों को पहचानते हैं तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के मोबाइल नंबर 9997233033 पर वाट्सएप के माध्यम से जानकारी दे सकते हैं।
परीक्षाओं में धांधली के विरोध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ की ओर से सात फरवरी की रात से आंदोलन शुरू किया गया था। रात को ही पुलिस ने गांधी पार्क के बाहर धरने पर बैठे कुछ युवाओं को हिरासत में लिया था। इसके बाद नौ फरवरी को मामला गरमा गया और चार से पांच हजार के बीच युवा एकत्रित हुए और देखते ही देखते कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव व तोड़फोड़ शुरू कर दी।
अब पुलिस वीडियो फुटेज के आधार पर पत्थरबाजों को चिह्नित कर रही है। शुरुआती जांच में पुलिस ने कुछ उपद्रवियों को चिह्नित कर लिया है। अभी पुलिस के पास काफी ऐसे वीडियो हैं, जिनमें उपद्रवी पथराव व तोड़फोड़ कर रहे हैं। जल्द ही ऐसे आरोपितों के फोटो भी सार्वजनिक किए जा सकते हैं।
बॉबी पवार समेत 13 आरोपियों की जमानत पर फैसला आज
उपद्रव, पथराव, बलवा और सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में गिरफ्तार उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार सहित 13 आरोपितों की जमानत याचिका पर सोमवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहम्मद याकूब की कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, कोर्ट ने आरोपितों की जमानत पर कोई फैसला नहीं दिया।
मंगलवार को इस संबंध में फैसला दिया जा सकता है।शासकीय अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में उपस्थित हुए संयुक्त निदेशक (कानून) जीएस पंचोली ने प्रार्थनापत्र देकर बताया कि बचाव पक्ष ने 11 फरवरी को प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र की द्वितीय प्रति उपलब्ध नहीं कराई थी। साथ ही कहा कि जमानत पर सुनवाई से पूर्व विस्तृत आख्या सीडी सहित विवेचक को तलब किया जाना आवश्यक है।
इसके लिए पांच दिन का समय प्रदान करने की याचना की गई।बचाव पक्ष के अधिवक्ता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, सचिव अनिल शर्मा, शिवा वर्मा और अजय त्यागी उर्फ रोबिन ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि 11 फरवरी को ही छह आरोपितों की जमानत मंजूर कर ली गई थी, शेष आरोपितों की याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार की तिथि नियत की गई थी।
बचाव पक्ष ने कहा कि अभियोजन पक्ष सुनवाई में विलंब करना चाहता है। तर्क दिया गया कि अभियोजन अधिकारी को जमानत प्रार्थनापत्र की जानकारी पहले से है, इसलिए उनको अपनी आपत्ति और सीडी सोमवार को ही दाखिल करनी चाहिए थी। साथ ही दलील दी गई कि आरोपितों का जमानत प्रार्थनापत्र 11 फरवरी से लंबित है और उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सात दिन के भीतर प्रार्थनापत्र का निस्तारण किया जाना चाहिए।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियोजन पक्ष को एक दिन का समय देते हुए 14 फरवरी को सुबह 11 बजे तक विवेचक को मामले की विस्तृत आख्या सीडी सहित न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया।
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