1883 का डैम अब भीमताल झील, ऐतिहासिक धरोहर के डैमेज कंट्रोल में जुटा प्रशासन

ख़बर शेयर करें

उत्तराखण्ड की भीमताल झील को संरक्षित करने के लिए प्रशासन ने निर्माण कार्य शुरू करवा दिया है। समाजसेवियों की पहल पर ब्रिटिशकालीन झील की ध्वस्त दीवारों को रिपैर किया जा रहा है।


समाजसेवी पूरन चंद्र बृजवासी ने बताया कि इस ऐतिहासिक महत्व की झील की चारों तरफ की दीवारें टूट टूटकर गिर रही थी। इससे न केवल झील बल्कि इससे जुड़ी बशासत पर भी खतरा मंडराने लगा था। झील की सुरक्षा दीवारों में लगे पत्थर गिरने से मलुवा भी झील में समा रहा था। इससे झील के अस्तित्व और स्थानीय लोगों में असुरक्षा का भावना बढ़ रही थी।

समाजसेवी पूरन ने इस बावत 14 जुलाई को मीडिया के माध्यम से लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन से तत्काल दीवार निर्माण की मांग की। बृजवासी ने बताया कि जिलाधिकारी वंदना सिंह ने इसका त्वरित संज्ञान लिया। लोक निर्माण विभाग ने बजट की कमी का हवाला दिया, लेकिन जिलाधिकारी ने झील का प्रबंधन करने वाले सिंचाई विभाग को इसे ठीक करने के निर्देश दिए।

सिंचाई विभाग ने ठेकेदारों के माध्यम से गिरी दीवारों के पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया है। सभी ने प्रशासन का आभार जताया है।

बता दें भीमताल झील 1883 में डैम के रूप में बनी थी।जो तारीख़ में ऐतिहासिक धरोहर है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *