उत्तराखंड में मानसून का दौर अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा है मौसम विज्ञान केंद्र पूर्वानुमान के मुताबिक आज प्रदेश के पर्वतीय जिलों में सोमवार को भारी बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत टिहरी, नैनीताल, चंपावत, चमोली और बागेश्वर जिले के कुछ इलाकों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य जिलों में भी तेज दौर की बारिश होने के आसार हैं।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी प्रदेश के पर्वतीय जिलों में तेज दौर की बारिश की संभावना है। कहा, बारिश के दौरान संवेदनशील इलाकों में दिन के साथ रात को भी सतर्कता बरतें। मौसम वैज्ञानिकों ने हिदायत देते हुए कहा, बारिश के दौरान संवेदनशील इलाकों में अधिक सतर्कता के साथ रहें। साथ ही आवश्यक न हो तो पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने से भी बचें।
इस बीच, रविवार को ऋषिकेश में 56.5 मिलीमीटर, रूड़की में 51 मिलीमीटर, लक्सर में 50.5 मिलीमीटर, यमकेश्वर में 38 मिलीमीटर, हरिद्वार में 33 मिलीमीटर, लैंसडाउन में 28.5 मिलीमीटर और धनोल्टी में 10.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. देहरादून में अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 31 डिग्री सेल्सियस और 24.5 डिग्री सेल्सियस, पंतनगर में 32.6 डिग्री सेल्सियस और 25.8 डिग्री सेल्सियस, मुक्तेश्वर में 20.7 डिग्री सेल्सियस और 15.4 डिग्री सेल्सियस और नई टिहरी में 24 डिग्री सेल्सियस और 17.6 डिग्री सेल्सियस था।
आकाश कामिनी नदी उफान पर
उधर रविवार को चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। रुद्रप्रयाग की तुंगनाथ घाटी में लगभग 6 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई जिसके चलते आकाश कामिनी नदी उफान पर आ गई जिससे कुंड, उखीमठ, चोपता, गोपेश्वर हाईवे जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गया।
हाईवे पर गहरी दरारें
कई जगह तो हाईवे पर गहरी दरारें भी आ गईं। हालात को देखते हुए अधिकतर लोग देर रात ही परिवार समेत अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। लोगों के रहने के लिए सुरक्षित स्थानों पर तैयारी भी की जा रही है।
मोक्ष नदी का जलस्तर भी बढ़ा
वहीं मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ने से धुर्मा और ग्वाड गांव को जोड़ने वाले दो पुल बह गए। जिसके कारण इन गांवों के 44 परिवारों का अन्य क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है। मोक्ष नदी का पानी और मलबा सेरा बाजार में लोगों के घरों में घुस गया। जिससे पूरी रात अफरातफरी मची रही।
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद
नदी के तेज बहाव से सैकड़ों नाली भूमि भी तबाह हो गई। फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के चलते रविवार को छिनका में मलबा आने से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गय। हाईवे बंद होने से दोनों और लगभग 400 श्रद्धालु और स्थानीय लोग फंस गये। देर शाम तक भी हाईवे नहीं खोला जा सका।
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