Cbi को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ 2016 में हुए स्टिंग केस में चार्जशीट दायर करने से रोका,

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नीताल (GKM news समीर शाह ) उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश चंद सिंह रावत के स्टिंग ऑपरेशन मामले में सरकार के आवेदन पर दो मार्च की तिथि तय की है । पूर्व मुख्यमंत्री के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायालय पहुंचकर वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया की एकलपीठ से कहा कि सी.बी.आई.मामले में चार्जशीट दाखिल करने चाहती है । न्यायालय ने सी.बी.आई.के अधिवक्ता से जांच संबंधी जानकारी ली, इसके बाद सरकारी अधिवक्ता ने न्यायालय से समय मांगा, जिसपर न्यायालय ने दो मार्च को सुनवाई तय कर दी है।

आपको बता दे कि मार्च 2016 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था, जिसके बाद से उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार गिरी और सरकार गिरने के बाद राज्यपाल की संस्तुति से हरीश रावत पर सीबीआई जांच शुरू हुई। सीबीआई हरीश रावत की गिरफ्तारी की तैयारी कर रहा था लेकिन इसी बीच हरीश रावत ने स्टिंग को फर्जी बताते हुए नैनीताल हाई कोर्ट की शरण ली और अपनी गिरफ्तारी पर रोक और सीबीआई जांच को खत्म करने की मांग की थी। मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट की एकलपीठ ने हरीश रावत को सीबीआई जांच में सहयोग करने के आदेश दिए थे।

साथ ही सीबीआई को निर्देश दिए थे कि वो हरीश रावत को गिरफ्तारी न करें। इसके अलावा सीबीआई को आदेश दिए थे कि अगर हरीश रावत की गिरफ्तारी करने की जरूरत पड़ेगी तो सीबीआई गिरफ्तारी से पहले हाईकोर्ट की एकलपीठ को अवगत कराएगी जिसके बाद से सीबीआई मामले की जांच कर रही थी। साथ ही स्टिंग मामले में मई 2016 की कैबिनेट बैठक में कांग्रेस सरकार ने हरीश रावत पर चल रही सीबीआई जांच को हटाकर जांच एसआईटी से करने का फैसला लिया था

जिसको हरक सिंह रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि अगर राज्यपाल किसी मामले में एक बार सीबीआई जांच की संस्तुति दे देते हैं तो उसे हटाया नहीं जा सकता लेकिन राज्य सरकार द्वारा केबिनेट बैठक में हरीश रावत पर चल रही सीबीआई जांच को हटाने की संस्तुति कर दी, जो नियम विरुद्ध है। साथ ही हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, जिसके बाद से मामला सीबीआई के पाले में था और सीबीआई मामले में गहनता से विधायकों की खरीद-फरोख्त पर जांच कर रही थी।

बयान :- कपिल सिब्बल, अधिवक्ता हरीश रावत।

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