उत्तराखंड उच्च न्यायालय में हल्द्वानी के कूड़ा निस्तारण को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय के कहने पर सफाई यूनियन ने अपनी हड़ताल वापस ले लीन्हि। न्यायालय ने राज्य सरकार और हल्द्वानी नगर निगम से कहा है कि मानदेय संबंधी शासनादेश को लागू करने के लिए उचित कार्यवाही करें।
हल्द्वानी में नगर निगम के कूड़ा निस्तारण कर्मचारियों की चार दिनों से चल रही हड़ताल संबंधी एक जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ ने ऑनलाइन हल्द्वानी में कूड़ा निस्तारण को लेकर हल्द्वानी निवासी दिनेश चंद चंदोला की जनहित याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने हल्द्वानी में कूडे का अंबार लगने से नाराज होकर कर्मचारी यूनियन के अधिवक्ता उद्योग शुक्ला से नाराजगी व्यक्त की। अधिवक्ता उद्योग ने कहा कि न्यायालय के कहने पर एकमत होकर स्ट्राइक को वापस ले लिया गया है। हल्द्वानी सफाई संयुक्त मोर्चा की तरफ से न्यायालय से प्रार्थना करते हुए उन्होंने कहा कि 500 रुपया प्रतिदिन के तय शासनादेश को सरकार लागू करे। न्यायालय के पूछने पर बताया गया कि एक सौहार्द वातावरण में गाड़ियां वापस कर दी गई थी। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पूछा कि यूनियन की तरफ से कौन आया है ? अधिवक्ता के इनकार करने पर न्यायालय ने उन्हें दस मिनट का समय देकर स्ट्राइक वापस लेने या नहीं लेने की बात साफ करने को कहा। बात कर अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि स्ट्राइक वापस ले ली गई है लेकिन न्यायालय उनकी मांग पर ध्यान दे। न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार और हल्द्वानी नगर निगम मानदेय संबंधी शासनादेश को लागू करने के लिए उचित कार्यवाही करें।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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