BREAKING : चारधाम यात्रा – 21दिन में 56 यात्रियों की मौत, 2 मृतक निकले कोविड पॉज़िटिव,कई बड़े सवाल ?
देहरादून ब्रेकिंग। चार धाम यात्रा में कोरोना का साया।।
मृतक यात्रियों में दो कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए।।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा जिन लोगों की मौतें हुई हैं उनमें कोरोना पॉजिटिव भी शामिल।।
चार धाम यात्रा में अब तक 56 लोगों की हो चुकी है मौत।।
जिसमें 54 लोगों की मौत के कारण हार्टअटैक या अन्य है।
56 श्रद्धालुओं की हुई मौत
चार धाम यात्रा शुरु हुए अभी केवल 18 दिन हुए हैं लेकिन मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तक कुल 56 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें 54 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है. जबकि दो लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई है, इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हुआ है.
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की शुरुआत से ही मौतों का सिलसिला लगातार चल रहा है। चार धाम यात्रा पर आने वालों के लिए नियमों में ढील ने पहाड़ों पर भीड़ बढ़ाई तो अव्यवस्था से मौत का आंकड़ा भी बढ़ता चला गया है। पिछले तीन सप्ताह में 56 मौतों ने प्रशासनिक इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं। इसमें सबसे डराने वाला तथ्य दो कोविड मरीजों की मौत का है। आखिर कोविड पॉजिटिव लोगों को चार धाम की यात्रा की इजाजत कैसे मिल गई? यह सवाल भी उठ रहा है और सरकार की ओर से सभी यात्रियों के चार धाम की यात्रा को लेकर होने वाले टेस्ट की पोल भी खुल रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद भी मौत के आंकड़ों को कम करने में सफलता नहीं मिली है।
उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा 3 मई से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई। 6 मई को केदारनाथ धाम और 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही पूरी क्षमता के साथ चार धाम की यात्रा शुरू हो गई। कोरोना काल के दो साल के बाद भक्तों के लिए शुरू हुई यात्रा को लेकर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने चार धाम यात्रा को लेकर नियमों में ढील दी। इसके बाद से चारों धाम में श्रद्धालुओं का हुजूम पहुंच रहा है। फिटनेस या उचित स्वास्थ्य जांच के बिना आने वाले बीमार श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा अब जानलेवा साबित हो रही है। ऐसे में सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
सरकार के स्तर पर की गई व्यवस्था
मौत के मामलों में वृद्धि के बाद सरकार की ओर से अब व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि जिन लोगों की मौत हुई है, वे कोविड संक्रमित हुए थे। इसके अलावा कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त थे। उन्होंने दावा किया कि अब स्थिति नियंत्रण में है। हम यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि कोई हताहत न हो। हमने यात्रा के ट्रैक मार्ग के प्रत्येक 500 मीटर पर एक पोर्टेबल ऑक्सीजन सुविधा रखी है। केदारनाथ के दो ट्रैक रूटों पर करीब 50 स्वास्थ्य टीमें तैनात हैं।
सरकार के दावे के बाद भी बढ़ रहा आंकड़ा
सरकार के दावों के बाद भी तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। 19 मई के आंकड़ों के अनुसार, 48 तीर्थयात्रियों की जान गई थी। इसमें से 46 ऊंचाई के कारण हॉर्ट अटैक से मरे थे। इस बार यमुनोत्री में 16 तीर्थयात्रियों की मौत का अधिकारिक आंकड़ा है। इसमें से 9 ट्रैक मार्ग, 2 मंदिर के पास और 5 सड़क मार्ग पर मरे। बदरीनाथ मंदिर के रास्ते में 9, गंगोत्री में 3 और केदारनाथ के रास्ते में 20 मौत का मामला सामने आया है। वहीं, पिछले दिनों में 8 अन्य तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।
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