हल्द्वानी के एक निजी प्रतिष्ठान में भाजपा किसान मोर्चा के हल्दूचौड़ मंडल महामंत्री विनीत कबड़वाल ने आज एक प्रेस वार्ता में प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा करने की साजिश का खुलासा करते हुए प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
उनका आरोप है कि उनकी मुक्तेश्वर क्षेत्र स्थित ज़मीन पर भूमाफियाओं की नजर है, और इस साजिश में एक दिल्ली स्थित आईआरएस अधिकारी के रिश्तेदार, जो महिंद्रा कोटक बैंक में मैनेजर हैं, भी शामिल हैं।
विनीत कबड़वाल ने बताया कि कुछ महीने पहले उनकी ज़मीन पर लगाए गए बाउंड्री एंगल और तार चोरी हो गए थे, और ये सामान हल्द्वानी के एक सफेदपोश नेता के संरक्षण में छिपाए गए थे। जब उन्होंने रामगढ़ पुलिस चौकी में इसकी शिकायत की, तो पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज हुआ, लेकिन अब तक पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
विनीत ने आरोप लगाया कि पुलिस के कुछ अफसर, जैसे भवाली चौकी इंचार्ज प्रेम विश्वकर्मा, जांच अधिकारी गुलाब सिंह कंबोज और एसआई गोविंदी टम्टा ने चोरों को बुलाकर उन पर जबरन समझौता करने का दबाव डाला और इस मामले को भूमि विवाद का रूप देकर दबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “पुलिस अब तक हमारी 5 से 7 लाख रुपये की चोरी हुई सामग्री को बरामद नहीं कर पाई, और वह पूरी तरह से निष्क्रिय बनी हुई है।”
विनीत कबड़वाल के आरोपों का समर्थन करते हुए किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान में भाजपा के पदाधिकारी भी अपनी जमीनों को सुरक्षित नहीं रख पा रहे। उन्होंने प्रशासन पर दबाव में काम करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो किसान मंच जनपद में पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलेगा और व्यापक आंदोलन शुरू करेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने भी प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई और कहा कि राज्य में भूमाफियाओं का दबाव प्रशासनिक अधिकारियों पर बढ़ता जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है। जोशी ने चेतावनी दी कि यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की और चोरी की सामग्री बरामद नहीं की, तो वे एसएसपी कार्यालय के बाहर धरना देंगे और इस मामले को डीजीपी के समक्ष भी उठाएंगे।
विनीत कबड़वाल के पिता, दया किशन कबड़वाल ने भी अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि उनकी पुश्तैनी ज़मीन पर कब्जा करने की साजिशें की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके खेत के पास हेलीपैड निर्माण का प्रस्ताव है, जिससे ज़मीन की कीमत में तेजी से वृद्धि हो रही है, और भूमाफिया इसे कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं। दया किशन ने कहा, “अगर हमारी ज़मीन पर कब्जा हुआ, तो हम आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे।”
इस बीच, पंकज कबड़वाल ने भी प्रशासन की निष्क्रियता पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यदि प्रशासन का रवैया इसी तरह बना रहा, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
प्रेस वार्ता में उपस्थित सभी नेताओं ने प्रशासन से 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस ने निष्पक्षता से काम नहीं किया, तो वे एसएसपी कार्यालय के बाहर धरना देंगे और आवश्यकता पड़ी तो आमरण अनशन भी करेंगे।
विनीत कबड़वाल ने यह मुद्दा केवल अपनी ज़मीन का नहीं, बल्कि भाजपा के एक पदाधिकारी की प्रतिष्ठा और किसान के हक का मामला बताते हुए कहा, “अगर हमें न्याय नहीं मिला, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे और इसके लिए प्रशासन और भूमाफियाओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।”
इस दौरान किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय, भाजपा मंडल महामंत्री विनीत कबड़वाल, सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी, पंकज कबड़वाल, तनुज कबड़वाल और किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष ललित मोहन जोशी सहित अन्य कई लोग भी उपस्थित थे।
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