भारत का बेहद खूबसूरत राज्य उत्तराखंड. जिसे देवभूमि कहते हैं . याद नहीं आता कब ये हिन्दू-मुस्लिम की आग में झुलसा हो. एक प्यारा राज्य, खूबसूरत पहाड़, बढ़िया लोग. लेकिन, लगता है किसी की नजर सी लग गई है इसे भी. जो दशकों में नहीं हुआ, अब होता दिख रहा है. यहां का एक जिला है उत्तरकाशी. में कुछ रोज पहले लव जेहाद के नाम से शुरू हुआ तनाव और बढ़ता नजर आ रहा है।
बीते रविवार, 11 जून को कुछ वीडियो वायरल हुए. ये वीडियो उत्तरकाशी के पुरोला के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जबकि बताया यह जा रहा है कि यह वीडियो बड़कोट का हैं ( gkm News वीडियो की पुष्टी नहीं करता है) इन वीडियो में कुछ लोग एक दुकान के बाहर तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं. हालांकि, दुकान बंद है, लेकिन इसके बावजूद भीड़ में शामिल लोग बंद दुकान के बाहर लाठियां डंडे चलाते हैं. ये दुकान कथित तौर पर एक मुस्लिम व्यापारी की बताई जा रही है. हालांकि, तोड़फोड़ के दौरान ही कुछ पुलिस वाले वहां पहुंचते हैं और उन लोगों को दुकान के पास से हटाते हैं।
हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है. प्राथमिक जांच में पता चला है कि वीडियो पुरोला का नहीं बड़कोट का है। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं: वी मुरुगेसन, एडीजी (कानून व्यवस्था) उत्तराखंड उत्तरकाशी, विकास नगर सहित अन्य क्षेत्रों में आपसी समुदाय के भाग जाने की घटनाओं से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं. एफआईआर दर्ज की गईं। शांति स्थापित करने के लिए पुलिस अपना कर्तव्य सर्वोपरि निभा रही है। जो भी कानून तोड़ेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच चल रही है। हमने पुरोला में फ्लैग मार्च भी किया है ।
वी मुरुगेसन, एडीजी (कानून व्यवस्था)
उत्तराखंड राज्य में आपसी तनाव के ऑनलाइन वीडियो सामने आने पर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुरोला में तनाव बढ़ने के बाद मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है. उनकी दुकानों पर पोस्टर लगाए गए हैं. लिखा है कि 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले जिहादी दुकानें खाली कर दें. ये भी लिखा है कि देवभूमि रक्षा अभियान के तहत ये चेतावनी दी जा रही है. दुकानें खाली न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस तरह की धमकियों के चलते मुस्लिम समुदाय में डर का माहौल है. तीन मुस्लिम व्यापारियों ने कथित तौर पर अपने कारोबार को समेटकर पुरोला छोड़ दिया है. हालांकि, पुलिस शांति बैठकों के जरिए दोनों समुदाय के बीच गतिरोध दूर करने की कोशिश कर रही है. साथ ही शांति व्यवस्था के लिए पुरोला में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
वहीं बवाल के चलते पुरोला छोड़ चुके भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मो. जाहिद मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि पुरोला में प्रदर्शन के दौरान समुदाय विशेष की महिलाओं के लिए अपशब्द बोले गए। जिसका पुरोला में रह रहे समुदाय विशेष के बाले खां सहित अशरफ और जावेद ने खंडन किया है।
डिप्टी एसपी सुरेंद्र सिंह भंडारी ने मीडिया से बातचीत में पुरोला छोड़ने की घटनाओं का खंडन किया है. डीएसपी ने बताया कि अगर कहीं दुकानें खाली करने का मामला होगा, तो यह स्वेच्छा से ही किया गया होगा. कुल मिलाकर हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों से दुकानें खाली न करने की अपील भी की है।
किस वजह से ये मचा है बवाल ?
उत्तरकाशी जिले की पुरोला नगर पंचायत में बीते दिनों 2 युवकों पर एक स्थानीय दुकानदार की नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगा. इनमें एक युवक मुस्लिम और दूसरा हिन्दू है. हालांकि, कुछ स्थानीय युवकों ने नाबालिग को भागने से बचा लिया था. लेकिन, इसके बाद पुरोला में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया, जो अब तक जारी है.
महापंचायत की घोषणा के बाद – बन गया राष्ट्रीय मुद्दा ! सियासत शुरू
पुरोला प्रधान संगठन ने 26 मई को पुरोला में नाबालिग को भगाने की कोशिश करने के मामले के बाद उपजे विवाद पर अब 15 जून को पुरोला में महापंचायत का एलान किया है। महापंचायत की घोषणा किए जाने के बाद अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर ट्वीट किया है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 15 जून को होने वाली महापंचायत पर तुरंत रोक लगाई जाए। वहां रह रहे लोगों को सुरक्षा प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि वहां से पलायन कर गए लोगों को वापस बुलाने का इंतज़ाम किया जाए। भाजपा सरकार का काम है कि गुनहगारों को जेल भेजे और जल्द अमन क़ायम हो।
उत्तरकाशी के पुरोला में एक समुदाय विशेष के लड़के द्वारा लड़की ले जाने के मामले में विवाद काफी बढ़ गया है। समुदाय विशेष के 12 लोग अब तक पुरोला में दुकानें खाली कर चुके हैं। अब 15 को महापंचायत की घोषणा की है। महापंचायत को विभिन्न व्यापारी संगठनों के साथ सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया है। यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर गर्म हो गया है। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस महापंचायत को रोकने की मांग की है। इसके अलावा सेव उत्तराखंड मुस्लिम ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है।
मामले को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में लव जिहाद और लैंड जिहाद बढ़ाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। प्रदेश में जनसंख्या अनियंत्रण की स्थिति देखने को मिल रही है। राज्य में संदिग्ध लोग हैं जो यहां की शांति को भंग कर रहे हैं। उनके क्राइम रिकॉर्ड की जानकारी नहीं है, इसलिए पुलिस को चेकिंग और सत्यापन अभियान चलाने के लिए कहा गया है।
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