अंकिता मर्डर केस : आरोपियों की रिमांड के दौरान उठा इस राज़ से पर्दा, SIT के हाथ लगे अहम सुराग..

ख़बर शेयर करें

www.gkmnews

ख़बर शेयर करें

अंकिता हत्याकांड में गठित एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी रेणुका देवी ने कहा कि इस मामले में पटवारी वैभव प्रताप सहित अन्य राजस्व अधिकारी से गहन पूछताछ की गई है। किसी की भी अभी गिरफ्तारी नहीं की गई है। घटना से पहले रिसार्ट में वीआईपी के आने की जानकारी अभी तक जांच में सामने नहीं आई है, लेकिन जांच जारी है।

तीन दिन तक की गई गहन पूछताछ

वहां के विशेष कमरों में अगर कोई ठहरता है तो उसकी भी हम जानकारी जुटा रहे है। डीआईजी पी रेणुका देवी ने थाना लक्ष्मण झूला में रविवार की शाम मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि तीन दिन तक पुलकित और उसके साथियों को एसआईटी ने रिमांड पर रखकर गहन पूछताछ की है। इन तीन दिन में काफी गहन साक्ष्य जुटाए गए हैं।

सीसीटीवी फुटेज में म‍िले हैं काफी साक्ष्य

तीनों को ही घटनास्थल पर ले जाया गया है। इस वारदात की कैसे प्लानिंग की गई, कैसे घटना की गई इन तमाम बिंदुओं की जांच कर ली गई है। सीसीटीवी फुटेज में काफी साक्ष्य मिले हैं। मौके पर बुलडोजर की मौजूदगी को लेकर उन्होंने कहा कि एसआईटी का गठन 24 सितंबर को हुआ था यह उससे पहले की घटना है। इस पर भी जांच चल रही है, काफी साक्ष्य हमें मिले हैं। हत्या का मकसद क्या है इस पर भी काफी काम किया जा चुका है।

अंकिता हत्याकांड में एसआइटी 800 से अधिक मोबाइल नंबरों को भी खंगाल रही है। ये वो मोबाइल नंबर हैं, जो अंकिता की हत्या के 24 घंटे पहले और 24 घंटे बाद तक चीला नहर क्षेत्र में सक्रिय थे।

इससे एसआइटी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपितों ने घटना वाले दिन, उससे पहले या बाद में संबंधित क्षेत्र में किस-किससे बातचीत की। ताकि कड़ी से कड़ी को जोड़कर हर रहस्य की तह तक पहुंचा जा सके।

पुलकित के पास हैं तीन मोबाइल

एसआइटी की ओर से जांच में लगाई गई एसटीएफ की सर्विलांस टीम अपने स्तर पर जांच कर रही है। एसआइटी को अभी तक पुलकित, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के मोबाइल मिल चुके हैं।

टीम के पास अभी तक यही जानकारी है कि पुलकित के पास एक मोबाइल है। रिसॉर्ट कर्मचारियों की माने तो उसके पास अक्सर तीन मोबाइल देखे जाते थे। सर्विलांस एक्सपोर्ट के लिए अब उसके दो और मोबाइल को ढूंढ निकालना भी जरूरी हो गया है।

इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की जांच से घटनास्थल की पुष्टि

अंकिता हत्याकांड में एसआइटी इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की जांच से घटनास्थल की पुष्टि कर चुकी है। अब एसआइटी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती पुलकित के उन वीआइपी मेहमानों का पता लगाना है, जिनको वनन्तरा रिसार्ट में ‘स्पेशल सर्विस’ देने के लिए अंकिता पर दबाव डाला जा रहा था।

एसआइटी का फोकस उन मोबाइल नंबरों पर भी है, जो चंद समय के लिए सक्रिय थे। इनकी अलग सूची तैयार की जा रही है। सूत्रों की मानें तो पुलकित के मोबाइल से भी उसके कई वीआइपी मेहमानों की जानकारी जांच कर रही टीमों के हाथ लगी है।

हालांकि, यह पता लगाना अभी बाकी है कि वो कौन से वीआइपी मेहमान थे, जिनके लिए उसने अंकिता की हत्या कर दी। वहीं, अभी तक पुलकित का एक मोबाइल एसआइटी को मिला है। 

ऋषिकेश के वनंत्रा रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट स्पेशल सर्विस के लिए प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरते थे। रिजॉर्ट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ में एसआईटी को पता चला है कि उनकी आगंतुक रजिस्टर में एंट्री नहीं की जाती थी। एसआईटी अब उनके ठहरने की मियाद के दौरान क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल नंबरों से उनका पता लगाने की कोशिश करेगी।

अंकिता हत्याकांड में स्पेशल सर्विस के लिए वनंत्रा रिजॉर्ट आने वाले वीआईपी गेस्ट की पहचान के लिए एसआईटी पर लगातार दबाव बन रहा है। इसी को स्पेशल सर्विस देने के लिए पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा व रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसका निजी सहायक अंकित, अंकिता भंडारी पर दबाव डाल रहे थे। अंकिता के इंकार करने पर आरोपियों ने उसे नहर में धक्का देकर मरने के लिए छोड़ दिया था। इसी कड़ी में रिजॉर्ट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से एसआईटी ने लंबे समय तक पूछताछ की।

पूछताछ में सामने आने वाले वीआईपी गेस्ट के नामों का मिलान विजिटर रजिस्टर से किया। आरोपियों की रिमांड समाप्त होने के बाद अब एसआईटी ने जांच वीआईपी गेस्ट पर केंद्रित कर दी है। कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरते हैं।

एसआईटी अब प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरने वाले वीआईपी गेस्ट से पूछताछ शुरू करेगी। इनमें कुछ सफेदपोश और रसूखदार भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसमें एसआईटी को कुछ दिक्कतें भी हो सकती हैं, क्योंकि वनंत्रा रिजॉर्ट में आने वाले कई वीआईपी गेस्ट और कॉल गर्ल के नंबर विजिटर रजिस्टर में दर्ज नहीं किए जाते थे। रिजॉर्ट की पूर्व कर्मचारी इशिता ने यह खुलासा किया था।

शुक्रवार को एसआईटी को न्यायालय से अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य, अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भास्कर की रिमांड मिली थी, जो रविवार को समाप्त हो गई। एसआईटी ने दावा किया है कि इस दौरान आरोपियों और रिजॉर्ट कर्मचारियों से पूछताछ के बाद टीम ने घटना के कई पुख्ता साक्ष्य एकत्र किए हैं। आरोपियों की निशानदेही पर भी घटनाक्रम से जुड़े कई सुबूत मिले हैं।

एसआईटी के अनुसार, आरोपियों को रिमांड पर लेकर उसी दिन उनको घटनास्थल पर ले जाकर क्राइम सीन रीक्रिएट किया गया था। इस दौरान महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी मिले हैं। एसआईटी अंकिता की हत्या के पीछे आरोपियों के मकसद का भी पता चलने की बात कह रही है। एसआईटी के अनुसार अभी तक जो भी साक्ष्य और गवाह मिले हैं, वे पोस्टमार्टम रिपोर्ट का समर्थन कर रहे हैं। घटना से पहले रिजॉर्ट में अंकिता के साथ ज्यादा मारपीट नहीं हुई थी। 

जिस रोज अंकिता भंडारी की हत्या हुई थी उस रोज वनन्तरा रिसॉर्ट और घटनास्थल चीला नहर के आसपास एक्टिव मोबाइल नंबर का डाटा सर्विलांस टीम के एक्सपर्ट ने संबंधित मोबाइल कंपनियों को भेजा है।

जिससे हत्याकांड से जुड़े नंबरों के संबंध में कोई ठोस जानकारी मिल सके। इस दौरान कितने मोबाइल नंबर चंद समय के लिए एक्टिव थे, इसकी अलग से सूची तैयार की जा रही है।

एसआइटी की ओर से इस मामले में एसटीएफ की सर्विलांस एक्सपर्ट की टीम को जांच के लिए यहां पर बुलाया गया था। टीम तीन दिन से यही पर काम कर रही है।

जानकारी के मुताबिक एम्स ऋषिकेश और बैराज के मध्य स्थित जितने भी मोबाइल टावर हैं उनके जरिये सर्विलांस एक्सपर्ट यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि 18 सितंबर के हत्याकांड से कितने मोबाइल नंबर जुड़े हो सकते हैं।

टीम के सामने बड़ी चुनौती यह भी है कि बड़ी संख्या में कई नंबर ऐसे हैं जो आवाजाही के कारण टावर के रिकार्ड में दर्ज हुए हैं। सर्विलांस एक्सपर्ट की ओर से यहां तीन टीम लगाई गई है। एक टीम विशेष रूप से नहर के पास घटना स्थल की तस्दीक करने के लिए लगाई गई थी। जिसने अपना काम पूरा कर दिया है।

निर्धारित प्रक्रिया के तहत घटनास्थल के आसपास जितने भी मोबाइल नंबर सर्विलांस टीम को मिले हैं, उनमें आवाजाही के दौरान दर्ज नंबर को फिल्टर के आधार पर अलग किया जाएगा। जिसके बाद ज्यादा समय तक संबंधित क्षेत्र में एक्टिव रहे मोबाइल की अलग से जांच की जाएगी।

झगड़े में अंकिता ने पुलकित का मोबाइल फेंक दिया था। इसके बाद उसने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया।’ पुलकित की यह कहानी पुलिस के टेक्निकल एक्सपर्ट के आगे फेल हो गई। एक्सपर्ट ने पाया कि उसका मोबाइल अगले दिन स्विच ऑफ हुआ था।

सूत्रों के अनुसार, पुलकित ने पुलिस को बताया कि उसने हत्या के अगले दिन मोबाइल नहर में फेंका था ताकि अपनी कहानी सिद्ध कर सके। पुलिस दो दिनों से पुुुलकित और उसके दोस्तों से पूछताछ कर रही है।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अब साफ होने लगा है कि पुलकित ने सोची-समझी साजिश के तहत अंकिता की हत्या की थी। 18 सितंबर को नहर में धक्का देकर अंकिता की हत्या को उसने दुर्घटना दर्शाने के लिए मोबाइल को आधार बनाया था।

मगर, पुलिस के टेक्निकल एक्सपर्ट की जांच में पता चला कि उसका मोबाइल अगले दिन दोपहर में बंद हुआ था। वह दूसरे मोबाइल पर व्हॉट्सएप चला रहा था। शनिवार को एसआईटी के साथ पुलिस की टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम भी मौजूद थी।

उसने पुलकित को सामने बैठाकर इस बात के प्रमाण दिखाए। सूत्रों के मुताबिक, वह कभी हां तो कभी ना करता रहा। लेकिन, बाद में बताया कि अंकिता की हत्या करने के बाद जब वापस आया तो कोई कहानी बुननी थी ताकि यह हादसा लगे। ऐसे में मोबाइल अगले दिन नहर में फेंक दिया था। यही कारण है कि मोबाइल पर 19 सितंबर को भी घंटी जा रही थी।

सूत्रों के मुताबिक, उसे इस बात की जानकारी भी थी कि जांच हुई तो वह सीसीटीवी फुटेज में आ सकता है। वह मोबाइल को उसी स्थान पर फेंकना चाहता था, जहां अंकिता को धक्का दिया। सीसीटीवी से बचने के लिए उसने दूसरा रास्ता चुना।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *