उत्तराखंड क्रिकेट टीम की रणजी ट्रॉफी में ऐतिहासिक हार के बाद उठे बड़े सवाल.. होगी जांच ?
खेल के मैदान में हार और जीत लगी रहती है और वह बात कोई मायने नहीं रखती लेकिन शिकस्त बेहद शर्मनाक और ऐतिहासिक तरीके से मिली हो तो कई सवाल उठ खड़े होते हैं कुछ ऐसा ही हुआ है रणजी क्रिकेट ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में जहां उत्तराखंड क्रिकेट टीम को रणजी मैच में मुंबई की टीम ने हरा दिया. उसके बाद खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया और सुविधा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. ऐसे में खेल मंत्री ने भी मामले का संज्ञान लिया है. खेल मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि खेल में हार जीत लगी रहती है लेकिन रणजी मैच में जिस तरह से उत्तराखंड की हार हुई वो बेहद चिंता का विषय है. रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में मुंबई ने उत्तराखंड की टीम को ऐसी हार दी कि घरेलू क्रिकेट के इतिहास में उत्तराखण्ड का नाम दर्ज हो गया है.
खेल मंत्री कर रहीं जांच कराने की बात
रणजी ट्रॉफी के 2021-22 के क्वार्टर फाइनल मुकाबले 41 बार की चैंपियन मुंबई ने उत्तराखंड को 725 रनों से मात दी. वैसे उत्तराखंड क्रिकेट के 4 साल के रिकॉर्ड में इससे पहले भी ऐसी हार दिखती रही है. जिसके बाद खिलाड़ियों के सलेक्शन प्रोसेस से लेकर खिलाड़ियों के लिए मिलने वाली सुविधा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. खिलाड़ियों के टीम में चयन को लेकर इससे पहले पैसे के लेनदेन के मामले में भी सवाल उठते रहे हैं. वहीं अब प्लेयर्स को मिलने वाले 2000 रूपये की डीए को भी पूरा न देने की बातें, एसोसिएशन के अंदर से ही उठ रही हैं. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड इस पर जहां अपनी सफाई दे रहा है वहीं खेल मंत्री हार को गंभीर मानते हुए जांच की भी बात कर रही हैं.
आपको बताते चलें रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैचों की स्थिति लगभग साफ हो गई है. मुंबई के अलावा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश आगे जाना तय हो गया है. इस बीच मुंबई ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में रिकार्ड जीत दर्ज की है. मुंबई ने उत्तराखंड की टीम को 725 रनों के अंतर से हरा दिया. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में रनों के लिहाज से यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है. मुंबई ने अपनी दूसरी पारी 3 विकेट पर 261 रन बनाकर घोषित करने के बाद उत्तराखंड की टीम दूसरी पारी महज 69 रनों के स्कोर पर सिमट गई.
इसके साथ ही मुंबई की टीम ने अपने नाम एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड कर लिया है। दरअसल, मुंबई ने रणजी ट्रॉफी के दूसरे क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में उत्तराखंड को 725 रनों के अंतर से हरा दिया जो कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले ये रिकॉर्ड न्यू साउथ वेल्स के नाम दर्ज था जिसने साल 1930 में क्वींसलैंड को शेफील्ड शील्ड टूर्नामेंट में 625 रनों के अंतर से हराया था। इस तरह मुंबई ने 92 साल पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया।
इस मुकाबले से पहले रणजी में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बंगाल के नाम दर्ज था जो उसने 1953 में बनाया था। बंगाल ने दिसंबर 1953 में ओडिशा को 540 रन से हराते हुए ये उपलब्धि अपने नाम की थी। वहीं, भारत में सभी फर्स्ट क्लास मैचों के इतिहास में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड साउथ जोन के नाम है। साउथ जोन ने साल 2011 में दलीप ट्रॉफी मैच में सेंट्रल जोन को 552 रन से मात दी थी।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे बड़ी जीत:
725 रन – मुंबई बनाम उत्तराखंड, 2022
685 रन – न्यू साउथ वेल्स बनाम क्वींसलैंड, 1930
675 रन – इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, 1928
638 रन – न्यू साउथ वेल्स बनाम दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, 1921
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