तेज आवाज पर अब होगी कार्रवाई,हाईकोर्ट ने गृह सचिव को दिए अहम निर्देश…

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ऊत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ दायर जनहित याचिका में गृह सचिव से कहा है कि वो पुलिस विभाग को ध्वनि मापन यंत्र मुहैय्या कराए और इसकी रिपोर्ट न्यायालय को दें। वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ती सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ ने सचिव शहरी विकास और गृह सचिव को निर्देश दिये हैं कि वो पूर्व में न्यायालय के दिये दिशानिर्देशो और नियमों का पालन सुनिश्चित कराएं।

मामले की अगली सुनवाई 5 शप्ताह बाद होगी।
मामले के अनुसार अधिवक्ता अतरी अधिकारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि नैनीताल में शादियों और पर्यटन सीजन के दौरान होटल, होमस्टे, रिसोर्ट और न्यू ईयर को बिना अनुमति के तेज ध्वनि के साउंड स्पीकरों का उपयोग किया जाता है।

जबकि उनके पास इसकी अनुमति न तो पुलिस और न ही ध्वनि प्रदूषण बोर्ड से ली गई होती है। जब इसकी शिकायत पुलिस से की जाती है तो पुलिस के पास ध्वनि मापन यंत्र ही नहीं होता है जिससे आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पाती और न ही उनका चालान होता है। कह कि सरकार ने खुद ही आवासीय क्षेत्रों, हॉस्पिटल, न्यायालय, स्कूल व्यवसायिक जोन में ध्वनि निर्धारित की है। बावजूद इसके, इनपर कोई कार्यवाही नहीं हो पाती है।

आगे यह भी कहा कि न्यायालय, हॉस्पिटल, स्कूल, साइलेंस जोन में आते हैं लेकिन वहाँ पर प्रेशर हॉर्न बजाए जाते हैं। घरों में हार्ट वो अन्य गंभीर बीमारियों के मरीज होते हैं। मॉलरोड में शादी ब्याह के गाने इतने तेज और देररात तक बजते हैं, इसपर कोई कार्यवाही नहीं होती। इस वजह से सोया हुआ मरीज और नवजात शिशु जाग जाते हैं। जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि इसपर तत्काल रोक लगाई जाय और पूर्व के आदेशो व नियमावली का अनुपालन कराया जाय।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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