वाह री व्यवस्था, मरने के बाद भी बदइंतजामी की इंतिहा।

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गदरपुर {GKM News अज़हर मालिक }  भले ही इस कोरोना काल मे जीवित इंसानो के कोरोना टेस्ट हो या न हों लेकिन मुर्दों के कोरोना टेस्ट जरूर किये जा रहें हैं। मामला भी ऐसा की कोरोना काल मे आकस्मिक मौत वाले शवो को अपने अंतिम संस्कार के लिए तरसना पड़ रहा है। जनपद के गदरपुर के मामलो ने स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल कर रख दी है। जहाँ शव का पोस्टमार्टम तीन दिन बाद हुआ क्योंकि शव का कोरोना सेंपल लेकर टेस्ट के लिये भेजा गया ओर रिपोर्ट आने पर ही शव का पोस्टमार्टम किया। अभी तक जनपद में 16 मुर्दों के कोरोना टेस्ट किये जा चुके हैं।

वीओ 1 : कोरोना वायरस ने संसार को इतना बदलकर रख दिया है कि अब आकस्मिक मौत वाले शवो को अंतिम संस्कार के लिए इन्तेजार करना पड़ रहा है। क्योंकि मरने के बाद शवो का कोरोना टेस्ट के लिए सेम्पल भेजा जाता है ओर रिपोर्ट आने के बाद ही शव का पोस्टमार्टम किया जाता है और शव परिजनों को सौपा जाता है। इसे स्वास्थ्य विभाग की नाकामी कहे या फिर एक गरीब परिवार की बेबसी। ये मामले जो आपके ह्रदय को झिकझोर कर रख देगा। तीन दिन पूर्व हुई एक युवती की मौत उसके शव को भारी पड़ गयी कि उसे अंतिम संस्कार के लिए तरसना पड़ गया। क्योंकि युवती की बॉडी का कोरोना टेस्ट के लिये ब्लड सेम्पल भेजा गया था जब सेम्पल रिपोर्ट निगेटिव आई तब शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया। इतना ही नही युवती की जब तक कोरोना रिपोर्ट नही आई तब तक परिजनों का भी बुरा हाल रहा। जो कि इंसानियत को शर्मसार करती है। गदरपुर थानाध्यक्ष जसविंदर सिंह ने बताया कि 22 तारीख को शीतल नाम की लड़की जिसकी उम्र 18 वर्ष बताई जा रही है जिसकी अचानक मृत्यु हो गई थी तथा कोरोनावायरस के चलते उसका सैंपल टैस्ट के लिए भेजा गया था। जिसके बाद पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया था वहां पर शव किन वजहों से पोस्टमार्टम करने से देरी हुई है इसके लिए मेडिकल विभाग जवाब दें है।
बाइट : जसविंदर सिंह ……………….. थानाध्यक्ष गदरपुर
वीओ 2 : शवों के करोना टेस्ट को लेकर जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शासन द्वारा समूह का करोना टेस्ट करने के आदेश प्राप्त हुए हैं। जिसके चलते 16 शवों के ब्लड सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए भेजे गए थे जिसमें 15 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और एक शव की रिपोर्ट आनी बाकी है। साथ ही उन्होंने बताया कि पूर्व में शव का पोस्टमार्टम कुछ ही घंटों में करके परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाता था लेकिन कोरोना काल में कोविड-19 की रिपोर्ट आने के बाद ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है जिससे शवों को अपने अंतिम संस्कार के लिए इंतजार भी करना पड़ता है।
बाइट : अविनाश खन्ना …………….. एसीएमओ

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