जोर का झटका धीरे से लगा, पूर्व मुख्यमंत्री करे भुगतान, हाईकोर्ट।

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नैनीताल (GKM News समीर ) उत्तराखण्ड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियो को दी गई सुविधाओ और किराये को माफ करने के लिए 2019 में लाए गए विधयेक को संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत मानते हुए निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार ने अपनी निहित शक्तियों का दुरप्रयोग किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि पूर्व मुख्यमंत्रियो से किराए के साथ साथ उनको दी गयी सभी सुविधाओ की प्रचलित मार्किर्ट रेट के हिसाब से वसूला जाय। मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। खण्डपीठ ने पूर्व में लम्बे समय तक सुनवाई करने के बाद 23 मार्च 2020 को निर्णय शुरक्षित रख लिया था जिसमें आज खण्डपीठ ने अपना निर्णय दिया।


याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियो ने सरकार का 2 करोड़ 84 लाख रुपये किराया देना है जिसमे से पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक पर 40.95 लाख, भुवन चंद्र खंडूड़ी पर 46.59 लाख, विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख, भगत सिंह कोश्यारी पर 47.57 लाख तथा एनडी तिवारी पर सर्वाधिक करोड़.12 रुपये है।
मामले के अनुसार देहरादून की रुलेक संस्था ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंन्त्रियो का किराया व अन्य सुविधाएं माफ् करने हेतु 2019 में विधयेक पास किया है जो सविधान के विपरीत है इसे निरस्त किया जाय।

बयान :- कार्तिके हरि गुप्ता, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।

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