जिन्हें समाज के कुछ लोगो ने मान लिया था जहरीला, वही जमाती बाटेंगे अब अमृत, देखे GKM news की स्पेशल रिपोर्ट,
नई दिल्ली (GKM news) कोरोना का खौफनाक कहर जब हमारे देश मे कहर बरपा रहा था, और देश और दुनिया मे हाहाकार मच गया था, तो जहाँ दुनिया इसकी वैक्सीन की तलाश में जुट गई, तो हमारे देश मे कुछ लोगो द्वारा इसकी जिम्मेदारी मुस्लिम वहाबी विचारधारा से जुड़े जमातियों पर फोड़ना शुरू
कर दिया, खैर यह तो हुई पुरानी बातें, अब हम आपको बताते है वो दिलचस्प और सुकून भरी खबर जिससे आपको राहत महसूस होगी , और आप समझ सकेंगे कैसे कुछ लोगो के लिए विषधर जमाती अब आम जन को बाटेगे अम्रत।
सिल सिला शुरू होता है उन जमातियों से जो पहले कोरोना पीड़ित हुए, इलाज हुआ , स्वस्थ हुए, घर गय, और फिर उनसे डॉक्टर्स की टीम ने दरखास्त की, क़ि हमे आपका बल्ड चाहिए जिससे हम प्लाज़्मा निकाल कर पीड़ित कोरोना मरीजो को दवा के तौर पर उनकी नसों में डाले सके, इस कड़ी में सबसे पहले निकल कर आय तबरेज खान जब दिल्ली सरकार की तरफ से प्लाज़्मा थेरैपी पर जोर दिया जाने लगा, तब तबरेज खान सच्चे हीरो की तरह निकल कर सामने आए , और अपना ब्लड डोनेट किया, उनके ब्लड से प्लाज़्मा निकाल कर कोरोना के अन्य मरीजो को चढ़ाया गया, और अच्छी खबर यह आई कि प्लाज़्मा थैरेपी कामयाब रही, इस कामयाबी को देखते हुए डॉक्टर्स की टीमें, स्वस्थ हो चुके जमातियों के पास जा रही है, और उनसे ब्लड डोनेट करने की अपील कर रही है।
जिसे जमाती हँसी खुशी मान ले रहे है, और अपना ब्लड डोनेट करने को तैयार है, जिसका वीडियो भी आप देख सकते है।
यह उन लोगो के मुँह पर करारा तमाचा है, जो कोरोना के मरीजो को धर्म से जोड़ कर देख रहे थे।
प्लाज्मा थेरेपी के बारे में भी थोड़ा सा जान ले, ठीक हो चुके कोरोना मरीज से 200 ग्राम के आस पास खून लिया जाता है उसमें से आधे आधे घण्टे में प्लाज़्मा स्टैकट किया जाता है, जिसमे दो घण्टे का वक्त लगता है,फिर ब्लड से प्लाज़्मा निकाल करके फिर वापस डोनेट करने वाले शख्स को चढ़ा दिया जाता है,एक व्यक्ति से निकाला गया प्लाज़्मा 04 लोगो को ठीक कर सकता है, अब इस प्लाज़्मा से जो चार लोग ठीक होंगें, वो हिन्दू होंगे या मुसलमान, यह हमें आपको पता नही चलेगा, क्योंकि उस कोरोना पीड़ित को उपचार कर रहे डॉक्टर भी इस नजर से नही देखगे की वो हिन्दू या मुसलमान है क्योंकि उनकी नजर में वो सिर्फ एक मरीज ही है,और जिस प्लाज़्मा से कोई मरीज़ ठीक होगा , वो किसी हिन्दू मुसलमान का प्लाज़्मा नही, बल्कि एक इंसान के प्लाज़्मा से ठीक होगा, क्योंकि जानवर का खून ही जानवर में चढ़ाया जा सकत है, और इंसान का खून ही इंसान के चढ़ सकता है इसी लिए ऊपर वाले ने हम सब के लहू का रंग भी एक ही बनाया है। देखे वीडियो डॉक्टर्स और जमातियों की बाते, और अपने अल्लाह, भगवान, वाहे गुरु, इष्टदेव से माफी मांगे की हम लोगो से क्या गलती होगई, जो प्रभु हमे ऐसी खौफनाक सजा दे रहा है, यकीन मानें हम उसके बच्चे है, और वही हमे माफ कर सकता है।
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