कोरोना योद्धओ के साथ ऐसा बर्ताव, चौक जायगे आप..वायरल हुई पोस्ट सामने आया सच…जाने पूरा मामला..

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हल्द्वानी नैनीताल ( GKM news ) कोरोना वायरस से दो-दो हाथ कर रहे हमारे देश के योद्धा डॉक्टर्स जो दिन-रात एक कर, अपनी जान खतरे डाल कर, कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर रहे हैं..लेकिन उन्हें दो वक़्त का खाना भी ठीक से नसीब नही हो रहा है. जब की देश के यह महान योद्धा कंधे से कंधे मिलाकर देश के नागरिको के साथ खड़े हैं.

इस मुश्किल वक़्त में भी हर समय कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए तैयार हैं, लेकिन उन डॉक्टर्स के साथ ऐसा बर्ताव कहा तक ठीक है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है. पोस्ट में कहा गया है कि ड्यूटी से आने के बाद उन्हें जली हुई रोटी, आलू की सब्जी और मोटा चावल खाने को मिल रहा है, जबकि एसटीएच में भर्ती मरीज और सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रखे गए लोगों को प्रशासन बेहतर खाना मुहैया करा रहा है.

आलू और आलू-मटर की सब्जी और मोटे चावल के अलावा और कुछ खाने में नहीं दिया जा रहा है। बड़ा सवाल यह है कि जब एसटीएच में भर्ती मरीजों को खाने में अंडा, मिनरल वाटर की बोतल और बेहतर भोजन मिल सकता है तो फिर कोरोना योद्धाओं को क्यों नहीं.

नर्स, वार्ड ब्वाय, वार्ड आया और पर्यावरण मित्र कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सेवा में दिनरात जुटे है. राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से इनको खाना मुहैया कराया जाता है. खाने में जली रोटी, आलू या आलू मटर की सब्जी और मोटा चावल दिया जा रहा है. ड्यूटी में लगे एक कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर खाने की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि पता नहीं किस कैंटीन वाले को खाना बनाने का ठेका दिया है.

सुबह, दोपहर और शाम को आलू और कच्चे पराठे खिला-खिलाकर कोरोना में ड्यूटी करने वालों का पेट खराब कर दिया है. कैंटीन वाले के पास आलू और कंट्रोल के चावल के सिवाय कुछ नहीं है क्या? जब देखो तब तीनों टाइम आलू भेजते हो।

सरकारी क्वारंटीन में भी प्रतिदिन मेन्यू बदल-बदलकर बेहतर खाना दिया जा रहा है. उधर

प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा का कहना है कि सभी को बेहतर खाना दिया जा रहा है. खाने की प्रतिदिन जांच की जाती है। फिर भी अगर कोई शिकायत है तो मामले की जांच कराई जाएगी।


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