पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासक क्यों नहीं बनाया जा रहा.. डिमरी

ख़बर शेयर करें

मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाया कि पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर पंचायत प्रतिनिधियों ने ऐसा कौन सा गुनाह किया है कि उन्हें प्रशासक नहीं बनाया जा रहा है, जबकि जिला पंचायत अध्यक्षों को यह पद सौंपा गया है।

डिमरी ने कहा कि ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुखों के साथ यह भेदभाव पंचायत व्यवस्था की प्रभावशीलता को कमजोर कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि पंचायतों के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की नीयत साफ नहीं दिखाई दे रही है। पंचायतों का कार्यकाल तो बढ़ाया गया, लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाए। अब सरकार पंचायत चुनाव समय पर कराने में भी असमर्थ नजर आ रही है। डिमरी ने सवाल उठाया कि जब पंचायतों के चुनाव समय पर नहीं हो रहे, तो पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासक क्यों नहीं बनाया जा रहा?

उनका कहना था कि अधिकारियों और कर्मचारियों के भरोसे जमीनी स्तर पर काम नहीं हो सकता, और ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासक बना देना चाहिए, ताकि पंचायतों का सही तरीके से कामकाज चल सके।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page