उत्तराखंड : सात जिलों में तेज़ बारिश की चेतावनी, भूस्खलन का अंदेशा

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मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तराखंड में 2 जुलाई तक के लिये येलो अलर्ट जारी किया है। कहीं-कहीं तीव्र बौछार और तेज बारिश हो सकती है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार अगले चार दिन ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे। कहीं-कहीं तीव्र बौछार और भारी वर्षा हो सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में तीव्र बौछार पड़ने और देहरादून समेत ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

गढ़वाल और कुमाऊं के कुछ जिलों में आज भारी से भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी और पौड़ी के लिए यलो और कुमाऊं के कुछ इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि, प्रदेश के अन्य जिलों में तेज गर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।

देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, टिहरी, पौड़ी, और चमोली में कहीं-कहीं भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के अन्य जिलों में बिजली चमकने और तेज बौछार के साथ बारिश होने के आसार हैं। साथ ही संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन की संभावना भी मौसम विभाग ने जताई है।
मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी सहित लोक निर्माण विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये गये हैं।

पिछले 48 घंटों से हो रही लगातार बारिश की वजह से 8 स्टेट हाईवे और 97 सड़कें बंद रहे लोक निर्माण विभाग के मुताबिक राज्य में भूस्खलन और मलवा आने से 90 सड़कें बंद हुई है जबकि 59 सड़कें पहले से बंद थी इस तरह शनिवार सुबह तक बंद सड़कों की संख्या 150 हो गई थी हालांकि देर शाम तक लोक निर्माण विभाग ने 52 सड़कों को यातायात के लिए सामान्य कर दिया लेकिन 97 सड़कें अभी भी नहीं खोल पाए।

प्रदेशभर में मानसून की वर्षा का क्रम जारी है। शनिवार को कुमाऊं मंडल के अधिकांश जनपदों में भारी वर्षा हुई। देहरादून और मसूरी में भी दोपहर बाद हल्की से मध्यम वर्षा रिकार्ड की गई। देर शाम को चमोली जनपद के मुख्यालय गोपेश्वर और उत्तरकाशी में भी तेज वर्षा हुई।

उत्तरकाशी में जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले पैदल मार्ग पर भैरव मंदिर के पास भूस्खलन होने के कारण रास्ता अवरुद्ध हो गया है। इस स्थान पर तीर्थयात्री जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। लेकिन घोड़े-खच्चर का संचालन पूरी तरह से अवरुद्ध है।

वहीं कुमाऊं मंडल के अधिकांश इलाकों में पिछले दो दिनों से भारी से बहुत भारी वर्षा हो रही है। शनिवार को सबसे अधिक वर्षा बनवसा में 171.2 मिलीमीटर दर्ज की गई। खटीमा में 106.4 व नैनीताल में 53.6 मिलीमीटर वर्ष हुई।

बागेश्वर जिले में शनिवार रात से रुक रुककर वर्षा हो रही है। हिमालयी गांवों का जन जीवन प्रभावित हो गया है। सड़कों पर मलबा आने से मार्ग दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं। लोग जरूरी काम के लिए ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। सरयू नदी का जल स्तर बढ़ा हुआ है। सिल्ट आने से पेयजल संकट बना है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आने वाले दो दिनों में कुमाऊं मंडल में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके लिए चेतावनी जारी कर गई। दो दिनों तक समूचे कुमाऊं मंडल में आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

इसके अलावा देहरादून, टिहरी व पौड़ी जनपदों में कही-कहीं गर्जन के साथ वर्षा हाेने व आकाशीय बिजली चमकने की संभावना है। इसे देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है। भारी वर्षा का दौर प्रदेश में पांच जुलाई तक जारी रखने की संभावना है।

नैनीताल जिले का हाल

नैनीताल जिले में पिछले 24 घंटों में भारी बरसात हुई है नैनीताल स्नोव्यू इलाके में जहां 95 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है तो वही हल्द्वानी काठगोदाम में भी 89 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड की गई है अगर औसत बरसात की बात की जाए तो नैनीताल जिले में 43 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है।

औसत बरसात की बात की जाए तो नैनीताल जिले में 43 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है। बरसात की वजह से 6 राजमार्ग सहित 19 सड़कें बंद हैं। जिनमें प्रमुख रूप से नैनीताल किलबरी मोटर मार्ग, काठगोदाम हेड़ाखान सिमलिया मोटर मार्ग, रामनगर भंडार पानी मोटर मार्ग, भुजान बेतालघाट मोटर मार्ग, खन्स्यु पतलोट मोटर मार्ग, सहित कई मोटर मार्ग बंद है। इसके अलावा गौला नदी में 1409 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हुआ है जबकि कोसी नदी में 1634 क्यूसेक पानी चल रहा है इसी प्रकार नंदौर नदी में भी 1696क्यूसेक पानी चल रहा है।

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