UKPSC ने राज्य कनिष्ठ अभियंता सेवा परीक्षा- 2021 में नकल करने और परीक्षा में अनुचित साधन के साथ सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों की सूची की सार्वजनिक।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 07 से 10 मई, 2022 के बीच में आयोजित उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियन्ता सेवा परीक्षा- 2021 की जांच में अधोवर्णित अभ्यर्थियों को नकल करने अर्थात अनुचित साधन से परीक्षा में सम्मिलित होने की पुष्टि की गई है। इस संबंध में आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने आदेश जारी किया है।
आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत द्वारा जारी आदेश के अनुसार उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार द्वारा दिनांक 07 से 10 मई, 2022 को आयोजित उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियन्ता सेवा परीक्षा- 2021 की जांच में अधोवर्णित अभ्यर्थियों को नकल करने अर्थात अनुचित साधन से परीक्षा में सम्मिलित होने की पुष्टि की गई है।
उत्तराखंड में सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियंता सेवा परीक्षा-2021 के पेपर लीक में शामिल पाए गए 49 और अभ्यर्थियों को राज्य लोक सेवा आयोग ने नोटिस जारी करते हुए उनकी सूची वेबसाइट पर जारी कर दी है। इन अभ्यर्थियों का जवाब आने के बाद आयोग इन्हें परीक्षाओं से प्रतिवारित(डिबार) करेगा।
दरअसल, सबसे पहले आठ जनवरी को हुई आयोग की पटवारी-लेखपाल भर्ती का पेपर लीक हुआ था। आयोग के ही अनुसचिव संजीव चतुर्वेदी को इस मामले में जेल भेजा गया था। एसआईटी हरिद्वार इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है। एसआईटी से मिली पहली सूची के हिसाब से आयोग ने 10 फरवरी को पटवारी-लेखपाल भर्ती पेपर लीक के 44 और एई-जेई भर्ती पेपर लीक के 12 आरोपी अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
अब हरिद्वार एसएसपी की ओर से आयोग को भर्ती में पेपर लीक के आरोपी 49 और अभ्यर्थियों की सूची भेजी गई है। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने इस सूची के आधार पर सभी अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए ये सूची वेबसाइट पर भी जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि कारण बताओ नोटिस के जवाब की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन सभी उम्मीदवारों को परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा।
एई-जेई भर्ती पर आयोग ले सकता है फैसला
प्रदेश में सात से दस मई के बीच हुई एई-जेई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में राज्य लोक सेवा आयोग पुलिस जांच रिपोर्ट और पेपर लीक के दायरे की जानकारी का इंतजार कर रहा है। अब तक इस भर्ती में 61 अभ्यर्थियों की पहचान हो चुकी है, जिन्हें आयोग नोटिस जारी कर चुका है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग इस परीक्षा पर जल्द ही फैसला ले सकता है। इसमें परीक्षा रद्द होने जैसा फैसला भी हो सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
आयोग ने 10 फरवरी को जो सूची जारी की थी, उस हिसाब से आधे आरोपी अभ्यर्थियों के जवाब नहीं आए हैं। आयोग सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि प्रक्रिया के तहत जवाब न मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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