उत्तराखंड : राज्य में सियासी पारा फिर उफान पर ..क्या राज्य को मिलेगी पहली महिला CM.. या लगेगा राष्ट्रपति शासन..

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उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर सियासी पारा उफान पर है मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पिछले 2 दिनों से दिल्ली में हाईकमान के रूबरू हैं कोविड की गाइड लाइन के अनुसार भी चुनाव आयोग असमंजस में है हालांकि सीएम तीरथ सिंह रावत गंगोत्री से उप चुनाव लड़ने की अर्जी दे सकते हैं सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग से इजाजत मिलना मुश्किल लगता है इसे भारत निर्वाचन आयोग मुख्यमंत्री का मामला है इसलिए स्पेशल केस बताकर चुनाव नहीं करवा सकता वैसे भी गंगोत्री उपचुनाव का मामला 151 A के तहत आता है

जिसके चलते किसी भी राज्य में आयोग तब चुनाव नहीं कराता जब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल से कम हो, ऐसे में संभवता यह कि तीरथ सिंह रावत की अर्ज़ी पर चुनाव आयोग असमर्थता जता दे।
क्योंकि देश में उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में 25 विधानसभा सीट 3 लोक सभा सीट और 1 राज सभा का उपचुनाव कराना है ऐसे में किसी एक राज्य के लिए अलग मापदंड नहीं हो सकते इसको देखते हुए बीजेपी की आगे की रणनीति क्या होगी यह देखने वाली बात है।


ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जो विधायक चुने हुए हैं पार्टी उन्हीं में से किसी को मुख्यमंत्री बना सकती है विश्वस्त सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड से भाजपा के कद्दावर राजनीतिक परिवार से संबंध रखने वाली इस महिला विधायक को भी दिल्ली में चल रही बैठक में आमंत्रित किया गया है कयास लगाए जा रहे हैं उत्तराखंड को पहली महिला मुख्यमंत्री मिल सकती है जोकि राज में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का नेतृत्व कर सकती हैं या फिर सामंजस्य ना बनने पर राष्ट्रपति शासन के भी आसार नजर आते हैं ।

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