उत्तराखंड में पिछले 48 घंटे बादल कहर लेकर बरसे हैं। पिछले 48 घंटे से प्रदेश भर में बिना रुके बरसात हो रही है और इसके कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। फिर बात करें गंगा नदी की मंदाकिनी की अलकनंदा की भागीरथी नदी की इन सभी नदियों का जलस्तर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है। वहीं नदियों के जलस्तर बढ़ने की वजह से रुद्रप्रयाग, उखीमठ, ऋषिकेश, हरिद्वार में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इसके साथ ही एसडीआरएफ और पीडब्ल्यूडी की टीमें जगह-जगह राहत बचाव कार्य में लगी हुई है।
उत्तराखंड में भारी बारिश जमकर तबाही मचा रही है। बारिश की वजह से कई जिलों में जमकर नुकसान हो रहा है। लगातार हो रही बारिश से देहरादून के मालदेवता में स्थित डिफेंस कॉलेज बिल्डिंग नदी में समा गई।
देहरादून जिले में बारिश की वजह से 17 सड़कें बंद हैं। सबसे ज्यादा परेशानी मालदेवता और सहस्रधारा इलाके में हो रही है। यहां पिछले कई दिनों से बंद सड़कों को खोलने का काम भी बारिश की वजह से प्रभावित हो रहा है। टौंस और यमुना नदी खतरे के निशान के करीब से गुजर रही हैं। चकराता, कालसी क्षेत्र की भी कई सड़कें बंद पड़ी हैं।
उत्तराखंड के चमोली जनपद में रविवार रात से शुरू हुई भारी बारिश आज भी जारी है। जनपद के थराली, नंदानगर और पीपलकोटी क्षेत्र में नदियों के साथ ही गाड गदेरे उफान पर बह रहे हैं। सबसे अधिक नुकसान थराली में हुआ है। यहां थराली गांव और केरा गांव में कई मकान व गौशालाएं मलबे में दब गईं। कई जगह छोटे पुलों को भी नुकसान हुआ है।
चमोली जिले के ‘सोल घाटी’ क्षेत्र में बादल फटा, उफान पर आई प्राणमती नदी, कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त, वैली ब्रिज भी टूटाचमोली। चमोली जिले के ‘सोल घाटी’ क्षेत्र में बादल फटने से प्राणमति नदी उफान पर आ गई जिससे ढाढर बगड़ में काफी नुकसान हो गया।वहां देवानंद चंदोला समेत लोगों के कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों ने रात घरों से बाहर रहकर बिताई। चमोली पुलिस ने नदी किनारे रहने वाले थराली, नारायणबगड़, कर्णप्रयाग और उससे नीचे बसे लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। वहीं, कर्णप्रयाग में अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ा है। दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब हैं।
चमोली जिले के ‘सोल घाटी’ क्षेत्र में, उफान पर आई प्राणमती नदी, कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त, वैली ब्रिज भी टूटाचमोली। चमोली जिले के ‘सोल घाटी’ क्षेत्र में बादल फटने से प्राणमति नदी उफान पर आ गई जिससे ढाढर बगड़ में काफी नुकसान हो गया।वहां देवानंद चंदोला समेत लोगों के कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
वहीं, प्राणमति नदी भी खतरे के निशान को छू रही है। नंदानगर में नंदाकिनी नदी भी उफान पर बह रही है। पीपलकोटी में नगर पंचायत पीपलकोटी का कार्यालय व समीप के आवासीय मकान मलबे में दब गए हैं। यहां कई वाहन भी मलबे में दबे हैं।
पीपलकोटी के ही गडोरा गांव में एक आवासीय भवन के दोनों ओर से भू-कटाव होने से मकान असुक्षित हो गया है। नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश बंडवाल ने बताया कि मकान को खाली कर परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है। भारी बारिश के कारण क्षेत्र में बिजली सप्लाई भी ठप पड़ गई है।
पीपलकोटी के गडोरा में बदरीनाथ हाईवे पर भी भारी मात्रा में मलबा आ गया है। मलबे में कुछ गाड़ियां दबी हैं। यहां होटल को भी भू-धंसाव से खतरा उत्पन्न हो गया है। चमोली तहसील के कौंज पोथनी गांव में तीन गौशाला मलबे में दब गई हैं। यहां मवेशी भी मलबे में दबे हैं। साथ ही बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर मलबा और बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया है। गडोरा और जोशीमठ के समीप मारवाड़ी में हाईवे अवरुद्ध है। बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे तीर्थयात्री भी जगह-जगह फंसे हैं। छिनका और नंदप्रयाग में भी हाईवे मलबा आने से अवरुद्ध हो गया है।
पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के चलते गंगा हरिद्वार ऋषिकेश में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, श्रीनगर गढ़वाल में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां अल्केश्वर घाट में पर मंदिर परिसर तक पानी पहुंच गया है।
भारी बारिश के बाद केदारनाथ के लिनचोली में एक नेपाली मूल के व्यक्ति की मौत हो गई। उधर, लगातार हो रही भारी बारिश से गौण्डार-मद्ममहेश्वर पैदल मार्ग पर बनतोली में पुल बह गया है। जिससे मध्यमहेश्वर में 200 से अधिक यात्रियों के फंसने की सूचना है।
उधर, बारिश के कारण ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे भद्रकाली, प्लास्डा, चाचा-भतीजा व बगड़धार के पास अवरुद्ध है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजामार्ग धरासू बैंड में भी बंद की सूचना है। वहीं, उत्तरकाशी के आरकोट में महिला गदेरे में बह गई।
बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर मलबा और बोल्डर आने से बंद है। गडोरा और जोशीमठ के समीप मारवाड़ी में हाईवे अवरुद्ध है। बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे तीर्थयात्री भी जगह-जगह फंसे हैं। छिनका और नंदप्रयाग में भी हाईवे मलबा आने से बंद हो गया है।
मसूरी शहर में हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शहर के बालाहिसार में सड़क पर भारी भरकम पेड़ गिर गया, जिसके चलते लिंक मार्ग बंद है।
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