सूचना का अधिकार अधिनियम(आर.टी.आई.)कार्यालय से ली गई एक सूचना में जानकारी मिली है कि शिकायतों और अपीलों से अबतक विभाग को कुल दो करोड़ इकसठ लाख तिहत्तर हजार आठ सौ पिचासी(₹2,61,73,885/=)रुपये राज्य को प्राप्त हुए जबकि अभी ₹96,45,565/=की रिकवरी होनी बांकी है। इसके अलावा बीते 22 से 23 वर्षों में 38,406 अपीलों में से कुल 36,599 का ही निस्तारण हुआ है और 15,300 शिकायतों में से 15,071 का निस्तारण हो सका है।
नैनीताल जिले में हल्द्वानी निवासी आर.टी.आई.कार्यकर्ता हेमन्त गौनिया ने सूचना कार्यालय से उनकी ही जानकारी मांग ली। उन्होंने
राज्य बनने से लेकर अबतक उत्तराखंड सूचना आयोग में कितनी अपीलें दर्ज हुई उनकी जानकारी वर्षवार मांगी, राज्य बनने से लेकर अबतक कितनी अपीलों का निपटारा हुआ व कितनी अपीलों पर जुर्माना लगाया और जुर्माने की राशी शासन के किस हैड पर जमा की गई, राज्य निर्माण के बाद सूचना आयुक्तों ने कितने आर.टी.आई.कार्यकर्ताओं के साथ सूचना अधिकार के लिए जागरूक कार्यक्रम चलाए और उसमें कितना सरकारी धन खर्च हुआ, उत्तराखंड निर्माण के बाद सूचना एक्ट को शासन से कितना बजट मिला, कितना खर्च हुआ और कितना शेष रहा जैसी जानकारियां मांगी।
लोक सूचना आयुक्त हीरा रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य बनने से अबतक 1812 अपील और 83 शिकायतों में जुर्माना लगाया गया। इससे, शिकायतों में ₹6,49,250/= और अपीलों से ₹2,55,24,635/= की सरकार को धनराशि प्राप्त हुई। सूचना विभाग 14 शिकायत और 778 अपीलों से अभीतक ₹96,45,565/=की रिकवरी नहीं कर सका है। ये भी कहा गया है कि राज्य बनने से अबतक सूचना के अधिकार के लिए आर.टी.आई.कार्यकर्ताओं को जागरूक करने के लिए कोई कार्यक्रम चलाए ही नहीं गए हैं। रावत ने बताया कि कुछ अस्पष्ट जानकारियों का जवाब नहीं दिया जा सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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