पिथौरागढ़ के राजकीय प्राथमिक विद्यालय अनरगांव में क्लास में बच्चों को पढ़ाते समय शिक्षक प्रताप सिंह बिष्ट की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। घटना से स्कूल के शिक्षकों समेत परिजनों में शोक है। एकल शिक्षक विद्यालय होने से घटना के वक्त स्कूल में अन्य स्टाफ नहीं था।
अनरगांव निवासी शिक्षक प्रताप सिंह (46) पुत्र रतन सिंह बिष्ट गांव के ही विद्यालय में तैनात थे। बृहस्पतिवार को वह क्लास में बच्चों को पढ़ा रहे थे। पढ़ाते समय अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह जमीन पर गिर गए।
बच्चों ने अभिभावकों को इसकी जानकारी दी जिसके बाद अभिभावक और ग्रामीण बेहोशी की हालत में शिक्षक को इलाज के लिए सीएचसी गंगोलीहाट ले गए जहां चिकित्सकों ने देखने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ने बेड़ीनाग में तैनात डॉ. सिद्धार्थ पाटनी को सीएचसी गंगोलीहाट बुलाया। डॉ. पाटनी ने अध्यापक का पोस्टमार्टम किया। चिकित्सक के अनुसार अध्यापक की मृत्यु हृदय गति रुकने के कारण हुई है।
शिक्षक प्रताप सिंह अपने पीछे पत्नी, माता और तीन बच्चों को रोता बिलखता छोड़ गए हैं। बड़ा बेटा हल्द्वानी में बीएससी कर रहा है जबकि दो बेटियों में से एक अल्मोड़ा में बीए और दूसरी बेटी गांव के पास चौरपाल इंटर कॉलेज में पढ़ रही है।
जिले में 450 विद्यालय एकल शिक्षक के सहारे
पिथौरागढ़ जिले में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। सुगम के विद्यालयों में तो पर्याप्त स्टाफ है मगर दूरस्थ के विद्यालय एकल शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। जिले में इस समय 1024 प्राथमिक विद्यालय हैं। उच्च प्राथमिक मिलाकर कुल विद्यालयों की संख्या 1235 है। इनमें से 450 विद्यालयों में एकल शिक्षक के सहारे पठन-पाठन हो रहा है। एकल शिक्षक के किसी काम से या आपात स्थिति में अवकाश पर जाने की स्थिति में स्कूल में ताला लगने की नौबत आ जाती है।
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