उत्तराखंड -देहरादून : सर्खियों में रहे रजिस्ट्री फर्जीवाड़े मामले की अहम कड़ी और मुख्य आरोपी केपी सिंह (कंवर पाल)की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। अब केपी सिंह जो मुख्य सरगना और इस फर्जीवाड़े मामले की अहम कड़ी था ,उनकी मौत से कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।मौत का कारण हार्टअटैक बताया जा रहा है। हालांकि, मामला अभी भी संदिग्ध बना हुआ है।
केपी सिंह की मौत रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। क्योंकि, अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के जितने भी प्रकरण सामने आए हैं, उसमें केपी सिंह और अधिवक्ता कमल विरमानी का ही अधिकतर नाम सामने आया है। केपी सिंह सहारनपुर जेल में बंद था और 08 सितंबर को दून पुलिस उसे बी-वारंट पर दून भी लाई थी। यहां उससे रजिस्ट्री फर्जीवाड़े पर तमाम साक्ष्य पुलिस ने बरामद किए गए थे।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड कुंवर पाल सिंह उर्फ केपी सिंह की सहारनपुर जिला जेल मौत हो गई। जेल प्रशासन की ओर से मौत की वजह हार्ट अटैक बताया है। केपी सिंह के देहरादून के वकील कमल विरमानी से गठजोड़ था और दून में बड़ी-बड़ी जमीनों के फर्जीवाड़े में शामिल था। केपी सिंह की मौत से कई सवाल भी उठने लगे हैं।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े से जुड़े तीन बाइंडर की बीते चार सालों में संदिग्ध परिस्थितियों में अलग-अलग हादसों में मौत हो चुकी है। जिसमें से दो की शराब पीने और एक की सड़क हादसे में मौत हुई। पुलिस ने जब इन मौतों का कारण जानने के लिए जांच की तो पता चला कि तीनों में से किसी का भी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था। इसलिए पुलिस तीनों बाइंडरों की मौत को किसी साजिश का हिस्सा मानते हुए इसकी भी जांच कर रही थी। अब जेल में बंद केपी सिंह की मौत से फिर कई सवाल उठने लगे हैं। हर कोई अपने अपने कयास लगा रहा है।
केपी सिंह की मौत सामान्य है या किसी की साजिश का हिस्सा, इस सवाल का जवाब पुलिस के लिए ढूंढना किसी चुनौती से कम नहीं है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े मामले में अब तक 17 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें केपी सिंह भी एक था। पिछले दिनों जब केपी सिंह की देहरादून पुलिस ने तलाश शुरू की तो वह नाटकीय ढंग से पुराने मामले में सराहनपुर में जमानत तुड़वाकर जेल चला गया था। केपी के खिलाफ सहारनपुर में भी मुकदमा दर्ज था। जबकि वह देहरादून के दो मुकदमों में नामजद था।
इस मामले में अब तक 17 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमे से केपी सिंह भी एक था। पिछले दिनों जब केपी सिंह की देहरादून पुलिस ने तलाश शुरू की थी तो वह नाटकीय ढंग से पुराने मामले में जमानत तुड़वाकर जेल चला गया था। केपी के खिलाफ सहारनपुर में भी मुकदमा दर्ज था। जबकि वह देहरादून के दो मुकदमों में नामजद था।
बेहिसाब दौलत ….
देहरादून में फर्जी रजिस्ट्री के सहारे हुए जमीन के हर सौदे का कनेक्शन केपी से जुड़ा है। उसने 500 करोड़ से अधिक की जमीनें बेच डाली। 70 फीसदी से अधिक रजिस्ट्री अपने नाम कराकर अपने लिए ही मुश्किलें खड़ी कर ली। फर्जीवाड़े की परतें खुलीं तो केपी मास्टर माइंड निकला और एसआईटी ने उसे गिरफ्तार कर किया। सहारनपुर जिला कारागार में अब उसकी संदिग्ध हालत में मौत हो गई।
केपी सिंह बेहद शातिर था। देहरादून के कई दशकों के भू-दस्तावेज सहारनपुर कलेक्ट्रेट में रखे थे। इसका उसने लाभ उठाया। वहां रिकाॅर्ड रूम में सांठगांठ कर उसने दून की बेशकीमती जमीनों के पेपर या तो गायब करा दिए या उनकी जगह पर नकली रजिस्ट्री रिकाॅर्ड में लगवा दी। यह फर्जीवाड़ा कर उसने पांच सौ करोड़ से अधिक की जमीनें बेच डालीं।
अभी केपी के पास कई ऐसी जानकारियां थीं जिसके बारे में किसी को भी पता नहीं है। सूत्र बताते हैं कि केपी से जुड़े कई लोग अभी बेपर्दा होना बाकी थे। केपी की मौत से निश्चित तौर पर जांच प्रभावित होगी और कई लोग बेनकाब होने से बच सकते हैं।
राजस्व विभाग के अनुसार केपी सिंह ने फर्जी कागजों के सहारे 30 से 50 प्लाट, खाली जगहें, चाय बागान, काॅफी बागान और हेरिटेज बिल्डिंग बेच डाले। जमीनों को फर्जी तरीके से बेचने के लिए पूरी रेकी करता था। वह देहरादून के पुराने लोगों को तलाशता था, जिसमें जमीदार, नंबरदार या धन्नासेठ शामिल होते थे।जिनके वारिस विदेशों में उन्हें बनाता था निशाना जमींदारों ने जमींदारी एक्ट लागू होने पर यथासंभव जमीन बचाने का प्रयास किया। बची हुई जमीन को चाय बागान या काॅफी बागान में तब्दील कर दिया। इन जमीनों में जब कई सालों कोई तक गतिविधि नहीं होती, या जिन भूस्वामियों के वारिस विदेशों में जाकर बस गए, उन्हें केपी निशाना बनाता था।
केपी एक जमीन के दो से तीन फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। वारिस इन पर आपत्ति जताते तो वह कहता कि पिछले दशकों में यह जमीन उनके पुरखों ने उन्हें दान दी थी। असली वारिस उलझ जाते और वह जमीनों का सौदा कर लेता था। अब कप की मौत के बाद क्या उठ पाएगा इस पेचीदा राज़ से पर्दा ?
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]