उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से पर्वतीय इलाकों में परेशानियां आनी शुरू हो गई हैं । दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अब बारिश मुसीबत बनकर कहर ढा रही है।बारिश से टनकपुर तवाघाट एनएच के तपोवन के एनएचपीसी गेट के पास खोतिला में घर के ऊफर भारी बोल्डर और मलबा आने से घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
इस दौरान भवन स्वामी घर के अंदर सोए हुए थे। जैसे ही उन्हें आभास हुआ वह तुंरत घर से बाहर की ओर दौड़े। लगातार जारी बारिश से टनकपुर तवाघाट में चिंतामणि भट्ट का आठ कमरे का घर क्षतिग्रस्त हो गया।। बोल्डर आने की आवाज सुनाई देने पर उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई।
भवन स्वामी ने बताया की भवन के दूसरे कमरे में दुकान खोलकर अपनी आजीविका चलाते है। उन्होंने सड़क कटिंग कर रही कार्यदायी संस्था हिलवेज पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कि कई बार हिलवेज कंपनी के अधिकारी को सड़क पर लटके बोल्डर और मलबा हटाने का निवेदन किया था, जिसपर कोई कार्यवाही नहीं होने से आज वे बेघर हो गए है।
बारिश के कारण टनकपुर तवाघाट एनएच के तपोवन में बोल्डर और मलवा आने से दोनो और दर्जनों वाहन और ग्रामीण फंसे है।
वहीं दूसरी तरफ तवाघाट लिपुलेख सड़क के पेलसती झरने के पास एक जेई दलदल में फंस गए। एक घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला जा सका।
चमोली: उत्तराखंड में लगातार बारिश से कई संपर्क मार्ग बाधित हो रहे हैं।
ऐसे में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच बड़ी खबर चमोली जिले से है। यहां देर रात से लगातार हो रही बारिश के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-7 लामबगड़ में बह गया है। नाले में पहाड़ी से भारी मलबा आने और नाले का जलस्तर बढ़ने से सड़क का 50 मीटर हिस्सा बह गया है। जिला पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। उत्तराखंड मौसम विभाग ने राज्य के चमोली, बागेश्वर और उत्तरकाशी जनपदों में कहीं-कहीं भारी होने का अंदेशा जताया है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।
कोटद्वार में बदतर हालात
उत्तराखंड के कोटद्वार में देर रात से हो रही बारिश की वजह से एक बार फिर से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पानी मे अपना रौद्र रूप दिखाकर तांडव मचाना शुरू कर दिया है. देखते ही देखते नाले में बह रहे पानी ने रौद्र रूप ले लिया, लोग कुछ समझ पाते उससे पहले पानी लोगों के घरों में घुसने लगा. बारिश की आफत कोटद्वार में इस कदर देखी जा सकती है कि लोग अपनी और परिवार की जान बचाने को अपने घरों से बाहर रहने को मजबूर हैं।
रात भर बारिश इतनी भयानक थी कि चंद घंटों में पानी लोगों के घरों में घुस गया. देखकर समझ नहीं आ रहा है. कुछ लोगों के घरों के हालात तो इतने बद से बदतर हो गए कि उनके घरों में कुछ भी सुरक्षित नहीं रहा. साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग 534 से आर्मी का गबरसिंग कैंप को जोड़ने वाला पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया. पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले 12 घंटों से मूसलाधार बारिश जारी है सावन माह में पहाड़ में मूसलाधार बारिश से तराई क्षेत्रो में नदियां उफान पर हैं।
मालन नदी और खोह नदी उफान पर
कोटद्वार में पड़ने वाली मालन नदी और खोह नदी उफान पर बह रही है. वहीं कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के रिहायशी इलाकों में बहने वाले पनियाली गदेरा और गिवई स्रोत खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इससे कोड़िया इलाके में पनियाली गदेरा का पानी आने से घरों में जलभराव की समस्या हो गई है. देर रात से लगातार हो रही बारिश के कारण पानी लोगो के घरों में इतना घुसा की घरों में रखा खाने-पीने और इलोक्ट्रॉनिक सामान खराब हो गया है।
मलबा निकालने में जुटे लोग
घरों में पानी और मलबा लगभग 4-5 फिट जमा हो गया. सुबह पानी कम होने के बाद से लोग अपने घरों से मलबा निकालने पर लगे हुए हैं. इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोटद्वार के इस बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में लगभग 600-700 परिवार रहते हैं, जिसमें से लगभग 150 परिवार इस बरसाती नाले के पानी से प्रभावित हुए हैं. इस समय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
इससे पहले 2017 में आई आपदा में कोड़िया इलाके में करंट लगने से 3 लोगों की मौत हुई थी लेकिन फिर जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन इनकी कोई सूद नहीं ले रहा है. इस दौरान स्थानीय लोगों ने कहा कि 2017 से इस इलाके के लोग इस पानी की आपदा को झेल रहे हैं. इसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन आता है और देखकर चला जाता है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है जबकि हमारे घरों में रखा खाने-पीने, पहनने, सोने ओर अन्य सारे सामान बेकार हो गए हैं. इसके बावजूद भी प्रशासन हमारी सुध लेने को तैयार नहीं है।
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