उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सलाहकार केएस पवार की पत्नी रामेश्वरी कुंवर सिंह पवार की कंपनी में अनियमितता की शिकायत मिली है. इस मामले में गृह विभाग की रिपोर्ट पर अब पुलिस मुख्यालय ने आर्थिक अपराध शाखा से जांच कराने का फैसला किया है.
इस कंपनी पर आई जांच की आंच
अपर पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘उत्तराखंड सरकार की 30 सितंबर और 6 अक्टूबर की चिट्ठी के अनुसार सोशल म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी लिमिटेड के गैरकानूनी वित्तीय गतिविधियों में शामिल होने और बड़े पैमाने पर काले धन को वैध किए जाने की जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा से कराई जाएगाी और इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द शासन को सौंपी जाएगी.’ खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार लगातार इस मामले को उठा रहे थे.
वह शासन से जांच कराने की मांग कर रहे थे. पहले से ही परीक्षा घोटालों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई सरकार अब इस नए खुलासे से घिरती नजर आ रही है. यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक 18 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है जिसको लेकर कांग्रेस वैसे ही हमलावर है. वहीं, अब उमेश कुमार ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है.
उमेश कुमार ने दावा किया है कि आरोपियों के खिलाफ कमजोर धाराएं लगाई गई थीं इसलिए वे धीरे-धीरे कर जमानत पर जेल से छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक ना एक दिन तो उन्हें छूटना ही था लेकिन अभी तक सरकार द्वारा सफेदपोशों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. विधायक उमेश कुमार ने कहा कि छोटी मछलियों को पकड़ने से कोई फायदा नहीं है जबतक बड़े मगरमच्छ नहीं पकड़े जाएंगे. इस मामले में ऐसा ही चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार और आयोग युवाओं का विश्वास जीतने के लिए निष्पक्ष परीक्षाएं कराएं ताकि जो लोग जमानत पर निकले है उनसे युवा अपने भविष्य को लेकर ना डरें.
उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का जीरो टॉलरेंस राज जिसकी दुहाई अक्सर पूर्व सीएम TSR देते फिरते हैं। लेकिन उसी जीरो टॉलरेंस राज में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर कांड का अहम आरोपी हाकम सिंह रावत अपने घर की छत पर सरकारी हेलीकॉप्टर उतार कर दिखा देता है। अब उसी जीरो टॉलरेंस राज में जिनकी तूती बोलती थी और जो न केवल पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के ओद्योगिक सलाहकार थे बल्कि TSR की किचन कैबिनेट के वो किरदार थे जिनके इशारे पर फाइलें पंख लगाकर दौडने लगती थी और अगर उनकी नजरें टेढ़ी हो जाती थी तो तत्कालीन कद्दावर मंत्रियों के काम भी लटक जाया करते थे।
TSR के जीरो टॉलरेंस राज में उनके पूर्व औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार संकट में
साथ ही CM रहते हुए TSR के ओद्योगिक सलाहकार रहे उन्हीं केएस पंवार की पत्नी जिस कंपनी की 2017 से 2020 तक जिस कंपनी की डायरेक्टर रही और वर्तमान में भी उनके रिश्तेदार ही इसमें डायरेक्टर बताए जा रहे हैं, उसके खिलाफ 200 करोड़ रुपए की मनी लांड्रिंग के आऱोप की जांच के आदेश हो गए हैं। TSR के पूर्व सलाहकार पंवार से जुड़ी सोशल म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड नामक कंपनी पर आरोप है कि इसने फर्जी तरीके से हजारों लोगों के नाम से RD FD में रुपया जमा कर काले धन को वैध करा दिया। अब धामी सरकार में इस पर हंटर चलता दिख रहा है।
200 करोड़ के मनी लांड्रिंग केस में पत्नी की कंपनी की जांच के आदेश
अब शासन ने पंवार की कंपनी की गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW को सौंप दी है। बताते चलें कि इस मामले में खानपुर विधायक उमेश कुमार ने शासन में शिकायत की थी। इस कंपनी का हेड क्वार्टर देहरादून हरिद्वार बाईपास के ब्राह्मणवाला में हैं।
कंपनी की गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW को सौंपी गई
साथ ही बताया जा रहा है कि TSR के नवरत्नों में सबसे आगे रहे पंवार की इस कंपनी ने 4050 लोगों के नाम पर आरडी एफडी के खाते खोले औऱ इन खातों में निवेश दिखाकर बहुत से लोगों के काले धन को व्हाइट करने का कारनामा किया। अब इस मामले में EOW के जांच के आदेश हो गए हैं। और अब जल्द ही सब साफ हो जाएगा। हालांकि केएस पंवार ने कहा है कि इस कंपनी में उनकी कोई भागीदारी नहीं है। यह परिवार जनों से संबंधित कंपनी है। पंवार का आरोप है कि जांच पहले भी हो चुकी लेकिन अब कोई जबरन इस प्रकरण को उठाकर उनको घेरे में ले रहा है।
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