उत्तराखंड : अब अभिभावकों पर दबाव नहीं बना सकते निजी स्कूल,प्रधानाचार्यों को नोटिस जारी

ख़बर शेयर करें

www. gkmnews

ख़बर शेयर करें

उत्तराखण्ड के निजी विद्यालयों में कैपिटेशन शुल्क और एनुअल चार्ज लेने, चिन्हित दुकानों से पुस्तकें खरीदने, एन.सी.ई.आर.टी.के अलावा दूसरे प्रकाशकों महंगी पुस्तकें खरीदने का दबाव बनाये जाने पर बड़ी कार्यवाही करते हुए प्रतिष्ठान के प्रधानाचार्यो को नोटिस जारी किए गए हैं।


हल्द्वानी के हल्दुचौड़ निवासी समाजसेवी पीयूष जोशी ने शिक्षा विभाग से शिकायत कर कहा कि निजी विद्यालयों कैपिटेशन शुल्क के साथ एनुअल चार्ज लेते हैं और चिन्हित दुकानों से पुस्तकें खरीदने, एन.सी.ई.आर.टी.के अतिरिक्त अन्य निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें खरीदने का अभिभावकों पर दबाव बनाते हैं। इन गंभीर आरोपों के बाद शिक्षा विभाग ने कड़क रवैया अपनाते हुए निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया है।

पीयूष ने आरोप लगाए हैं कि नैनीताल जीले में काफी लम्बे समय से शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुच्छेद 13 से कैपिटेशन शुल्क, कॉशन मनी और अनुवीक्षण(स्क्रीनिंग)पर पूर्णतः प्रतिबन्ध है। इसमें
प्रभारित पूर्ति व्यक्ति फीस कैपिटेशन के दस गुना तक, दण्ड का प्रावधान है।

बच्चों के माता-पिता, सरंक्षक स्क्रीनिंग, अनुवीक्षण प्रतिक्रिया पर प्रतिबन्ध, उल्लंघन पर प्रथम बार ₹25,000/= के बाद पुनः दोहराने पर ₹50,000/= के दण्ड का प्रावधान है।उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद विद्यालय में एन.सी.ई.आर.टी.की पुस्तकें ही लागू की जाये। समाजसेवी आर.टी.आई.कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने बताया कि उन्हें अभिभावकों और छात्रों की लगातार शिकायत आ रही थी, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय समेत शिक्षा विभाग को इस गंभीर समस्या की जानकारी दी।

जानकारी मिलने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और उन विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया। उत्तराखंड युवा एकता मंचपीयूष ने अभिभावकों से ये भी कहा है कि नियमों का उल्लंघन कर रहे स्कूलों की शिकायत के लिए वो उन्हेंजन #8909039409 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *