उत्तराखंड विधानसभा : स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने अपने निजी स्टाफ की नियुक्ति पर लगे आरोपों का दिया जवाब .. परमानेंट कोई नहीं..
उत्तराखंड में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी और विधानसभा में बैकडोर से भर्तियों को लेकर पिछले दिन विवाद हुआ था. प्रदेश में एक बार फिर से भर्ती के नाम पर बवाल मचना शुरू हो गया है. यह बवाल विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के स्टाफ को लेकर मचा हुआ है. अब उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी पर निजी स्टाफ में राज्य के बाहर के लोगों को नियुक्त करने का आरोप लगा है. इन आरोपों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी की भी प्रतिक्रिया आई है.
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने अपने उपर लगे आरोपों को लेकर साफ कहा कि उनके द्वारा टेंपरेरी तौर पर अपना निजी स्टाफ रखा गया है. यह नियम है ये कोई सरकारी नौकरी नहीं है. जब तक वह अध्यक्ष रहेंगी तब तक ही स्टाफ रहेगा. जब वह चाहेंगी तब स्टाफ को हटा भी सकती हैं, इसलिए उन पर जो आरोप लग रहे हैं पूरी तरह से निराधार हैं. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था देश भर में लागू है कि कोई भी मुख्यमंत्री, मंत्री या विधानसभा अध्यक्ष अपने निजी स्टाफ को अपने व्यक्तिगत तौर पर नियुक्त कर सकता है. यह नियुक्ति परमानेंट नहीं होती जब तक पद पर बने रहते हैं तब तक ही इनकी नियुक्ति मानी जाती है. इसलिए उन पर जो आरोप लग रहे हैं पूरी तरह से गलत हैं, उन्होंने कहा कि उनकी बिल्कुल भी मनसा नहीं है कि उत्तराखंड के लोगों का हक मारा जाए और ना ही वह ऐसा कभी होने देंगी.
पीआरओ और निजी स्टाफ में बाहरी लोग नियु्क्त करने का आरोप
दरअसल विधानसभा में भर्तियों पर कार्रवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी पर अपने पीआरओ और निजी स्टाफ में बाहरी व्यक्तियों को रखने के आरोप लग रहे हैं. इसकी एक लिस्ट भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. इस वायरल लिस्ट में आरोप लग रहे हैं कि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को उत्तराखंड के लोगों पर विश्वास नहीं है इसलिए उन्होंने अपने निजी स्टाफ में बाहरी लोगों की नियुक्ति की है.
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