उत्तराखंड के स्थानीय जर्नलिस्ट(पत्रकार) आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर अब राजनीति शुरू हो गयी है, विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार और पुलिस के दम पर भाजपा अपनी पार्टी के नेताओं के अपराधों पर पर्दा डालने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में आवाज उठाने वालों को ही सजा दी जा रही है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी के मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है
वहीं कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए, भाजपा के राज्य मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने दोहराया कि नेगी की गिरफ्तारी का इस हत्या केस से कोई संबंध नहीं है।
इस बीच AAP की राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल ने भी नेगी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा..
“उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के विरोध में परिवार ने CBI जांच की मांग की तो पुलिस ने उल्टा इस हत्या को रिपोर्ट करने वाले पत्रकार को ही गिरफ्तार कर लिया! अपराधियों को गिरफ्तार करने की बजाय, व्हिसलब्लोअर को गिरफ्तार करने से कानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी?”
नेगी को 5 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस के मुताबिक, नेगी को समाज में अव्यवस्था फैलाने के आरोप में और खासकर अंकिता भंडारी मर्डर केस के मामले में गिरफ्तार किया गया है. नेगी अपने न्यूज प्लेटफॉर्म पर इस केस से जुड़ी जानकारियों को लगातार छाप रहे थे. नेगी की न्यूज वेबसाइट को भी ब्लॉक कर दिया गया है।
जागो उत्तराखंड की वेबसाइट ब्लॉक
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अभिनव कुमार ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि नेगी को पौड़ी गढ़वाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वो सितंबर 2022 में 19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में लोगों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रहे थे. अभिनव कुमार ने बताया, ‘इस मामले में विशेष जांच टीम ने चार्जशीट दायर किया है और मामला अदालत में लंबित है.’
उन्होंने आगे कहा,”मामले में चल रही सुनवाई के बावजूद हर दिन बयान देकर सरकार और पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना पैदा करने की कोशिश की जा रही है.” पुलिस के अनुसार, नेगी पहले से ही SC/ST एक्ट के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं और गिरफ्तारी के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई के आरोप में उनके खिलाफ एक और नया मामला दर्ज किया गया है।
अंकिता भंडारी मर्डर केस
24 सितंबर 2022 को ऋषिकेश के चीला नहर से अंकिता भंडारी का शव बरामद किया गया था. शव मिलने से कम से कम 6 दिनों पहले पुलिस को उनके लापता होने की सूचना मिली थी. पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी की अध्यक्षता में एक SIT बनाई गई थी जो मामले की जांच कर रही है।
अंकिता भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थीं. मामले में पुलकित आर्य की गिरफ्तारी भी हुई थी. आर्य पर झगड़े के बाद अंकिता को नहर में धक्का देने का आरोप लगा था. मामले में दो और लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिनके नाम हैं- अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर.
पत्रकार आशुतोष नेगी कर रहे थे केस की रिपोर्टिंग
‘जागो उत्तराखंड” अखबार में अंकिता केस की खबर साभार X
आशुतोश नेगी इस केस की लगातार रिपोर्टिंग कर रहे थे. उन्होंने अपने समाचार पत्र ‘जागो उत्तराखंड’ में भी इस पर कवर स्टोरी की थी। साथ ही वो इस मामले को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर थे. इस धरना में उन्होंने जो सवाल उठाए थे उन्हीं सवालों को प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी ने भी विधानसभा में उठाया था।
गिरफ्तारी की सूचना पहले ही मिल गई थी
गिरफ्तारी के एक दिन पहले 4 मार्च को नेगी ने X पर एक पोस्ट किया था. लिखा, पुख्ता सूत्रों के हवाले से खबर, DGP अभिनव कुमार के SSP पौड़ी श्वेता चौबे को निर्देश, किसी भी तरह आशुतोष नेगी को नई धाराएं जोड़ जेल में धरो, मेरे जेल में जाने के बाद भी अंकिता को न्याय दिलाने के लिये लड़ाई जारी रहे।
आशुतोष नेगी के इस पोस्ट के अगले ही दिन उनकी गिरफ्तारी हो गई. अंकिता भंडारी मर्डर केस के मामले में नेगी भाजपा नेता अजय कुमार की कॉल रिकॉर्डिंग और लोकेशन की जांच की मांग कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार पुलकित आर्य, विधायक रेणु बिष्ट, SDM प्रमोद कुमार और पटवारियों को सजा से बचा रही है।
अंकिता भंडारी केस में न्याय के लिए लड़ रहे आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी को अंकिता भंडारी केस को कमजोर करने के नजरिये से देखा जा रहा है। आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी और इस दौरान अंकिता की माता को धक्का देकर नीचे गिराने से आम जनता के साथ ही विपक्षी दल भी आक्रामक रूख अपनाये हुए हैं। कांग्रेस, वामपंथी दलों के साथ ही अन्य दलों ने सरकार की घेराबंदी की हुई है।
वही भाजपा की ओर से इस मामले में बयान आया है कि यह गिरफ्तारी पुराने मामले में हुई है और अंकिता भंडारी हत्याकांड से इस गिरफ्तारी का कोई सरोकार नहीं है। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में मुखर होने और अंकित के माता-पिता के साथ हर कदम पर साथ देने वाले आशुतोष नेगी को 5 मार्च को पौड़ी पुलिस ने पौड़ी आरटीओ ऑफिस के पास से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आशुतोष नेगी को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था।
पौड़ी जिला एवं सत्र न्यायालय पहुंचे अंकिता भंडारी के परिजन कोर्ट परिसर में ही फूट-फूट कर रोने लगे। बता दें कि अंकिता भंडारी मर्डर केस में अंकिता के परिजनों के साथ मिलकर अंकिता के लिए न्याय की मांग कर रहे और अंकिता मर्डर केस के आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे पत्रकार आशुतोष नेगी को पुलिस ने एससी एसटी एक्ट में गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया। कोर्ट ने 15 मार्च तक आशुतोष नेगी को रिमांड में जेल भेज दिया है।
दरअसल पुलिस ने शिकायतकर्ता राजेश राजा कोली की लिखित शिकायत पर आशुतोष नेगी को गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता राजेश राजा कोली ने आरोप लगाए थे की पत्रकार आशुतोष नेगी समेत चार अन्य लोगों ने उसके लिए जातिसूचक शब्द का प्रयोग किया था। जिस पर एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आशुतोष नेगी और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया और कोर्ट के फैसले के बाद दोनो को जेल भेजा दिया गया है।
वहीं इस मामले के विवेचक सीओ कोटद्वार विभव सैनी ने कहा की इस केस को अन्य केस से जोड़कर न देखा जाए। आशुतोष नेगी को जेल एससी एसटी एक्ट की धाराओं में जेल भेजा गया है।
फिलहाल अंकिता केस की विशेष जांच टीम ने चार्ज शीट दायर की है मामला अदालत में लंबित है । वहीं राजनीतिक पार्टियां भी इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश में लगी हैं।
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