उत्तराखंड : इस वरिष्ठ IAS अधिकारी के ठिकानों पे विज़िलेंस ने मारी रेड..

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उत्तराखंड के आईएएस आईएएस डॉ. रामविलास यादव के लखनऊ के ठिकानों पर विजलेंस उत्तराखंड ने छापे मारी की है। अन्य जिलों में भी राम विलास के ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। सूचना के मुताबिक आय से अधिक संपत्ति का मामला है।

आईएएस डॉ. रामविलास यादव के पुरनिया स्थित दिलकश विहार रानी कोठी सीतापुर रोड लखनऊ, गुड़म्बा, कुर्सी रोड स्थित जनता विद्यालय में विजलेंस उत्तराखंड ने छापे मारी की है। छापेमारी की कार्रवाई अभी चल रही है। इसके अलावा प्रदेश के गाजीपुर जिला, गाजियाबाद जिला व उत्तराखंड के ठिकानों पर भी विजलेंस ने छापेमारी की है।

राम विलास के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस है। रामविलास पूर्व में सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण और एडिशन डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं। रामविलास वर्तमान में ग्राम विकास विभाग उत्तराखंड में सचिव के पद पर कार्यरत हैं।सामाजिक कार्यक्रता हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत पर विजलेंस उत्तराखंड ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

यूपी में तैनात रहे उत्तराखंड काडर के आईएएस अधिकारी राम विलास यादव पूर्व सपा की सरकार के काफी करीबी थे। रामविलास पूर्व में सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण और एडिशन डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं। उन्होंने लखनऊ में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था। प्रदेश में जब सरकार बदली तो का राम विलास ने अपनी तैनाती उत्तराखंड करा ली लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार को उनकी अनियमितताओं के बारे में जानकारी मिल गई, जिसके बाद उत्तर प्रदेश शासन ने ही उत्तराखंड में आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच कराने के लिए कहा। इस संबंध में उन्होंने पर्याप्त दस्तावेज भी उत्तराखंड सरकार को भेजे। जांच पूरी होने पर अनियमितताएं और आय से अधिक संपत्ति का मामला सही पाया गया। जिस पर विजिलेंस ने जांच शुरू की तो यादव ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने शासन से भी कहा कि विजिलेंस उनका पक्ष नहीं सुन रही है।

पूर्व आईएएस पर आय से अधिक संपत्ति मामले में विजिलेंस टीम कर छापेमारी रही है. अपर सचिव रामविलास यादव रिटायर होने से पहले से ही लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं. आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया है, जिसके बाद ये कार्रवाई रही है. ये लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रह चुके हैं. जबकि वर्तमान में उत्तराखंड के ग्रामिण विकास विभाग में सचिव के पद पर हैं.

क्या है मामला?
आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे आईएएस रामविलास यादव पर 19 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया था. उन पर आय से 500 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. बता दें कि आईएएस रामविलास यादव 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. आईएएस रामविलास यादव 2019 में यूपी से उत्तराखंड आए थे.

यहां शासन ने नौ जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे. विजिलेंस टीम ने आईएएस यादव को पूछताछ के लिए बुलाना चाहा, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद आईएएस का पक्ष जानने के लिए तीन सदस्यों की हाईपावर कमेटी बनाई गई, पर यादव ने उसे भी गुमराह किया. 

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