उत्तराखंड : पेपर लीक मामले में STF की छापेमारी जारी.. इस अधिकारी के गनर समेत नैनीताल के 8 लोग हिरासत में..
UKSSSC Paper Leak case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में तैनात एक एसपी रैंक के अधिकारी के गनर सहित दो और नैनीताल से आठ व्यक्तियों को पूछताछ के लिए देहरादून लाई है।
गनर के पास से एसटीएफ ने 36 लाख रुपये भी बरामद किए हैं। हालांकि, गनर के आय के स्रोत का पता किया जा रहा है। इसके अलावा संदिग्ध व्यक्तियों की प्रकरण में किस तरह से संलिप्तता थी, एसटीएफ इसका भी पता लगा रही है। बताया जा रहा है कि गनर की पत्नी ने परीक्षा दी थी, जिसमें वह पास हो गई थी।
इसी मामले में एसटीएफ ने पूर्व में गिरफ्तार आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से यूकेएसएसएससी में तैनात कंप्यूटर प्रोग्रामर जयजीत सिंह से रिमांड के दौरान उसके पंडितवाड़ी स्थित फ्लैट से एक मोबाइल और 10 लाख रुपये बरामद किए हैं। बताया जा रहा है कि इसी मोबाइल से पेपर लीक किया गया था। वहीं, ग्राम पाटी चम्पावत के मनोज जोशी को सितारगंज व रामनगर ले गई एसटीएफ टीम ने वहां रिसोर्ट से रजिस्टर व अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। एसटीएफ अभी तक नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर 83 लाख रुपये बरामद कर चुकी है। दूसरी ओर परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले 100 से अधिक अभ्यर्थी एसटीएफ की जांच के दायरे में हैं। अभ्यर्थियों की सूची आयोग की ओर से उपलब्ध करवाई गई है।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि चार व पांच दिसंबर 2021 को यूकेएसएसएससी ने 854 पदों के लिए स्नातक स्तरीय परीक्षा करवाई थी। भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में एसटीएफ ने बीते 24 जुलाई को छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था। पेपर लीक करने में जयजीत सिंह की भूमिका मुख्य बताई जा रही है। ऐसे में एसटीएफ ने जयजीत व सितारगंज कोर्ट में कार्यरत मनोज जोशी का पुलिस कस्टडी रिमांड लिया था। पूछताछ में जयजीत सिंह ने एसटीएफ को बताया था कि जिस मोबाइल में उसने पेपर की फोटो ली थी, वह मोबाइल उसने आदर्श काम्प्लेक्स जानकीपुरम, लखनऊ में रखा है।
पुलिस आरोपित को जैसे ही लखनऊ लेकर जाने लगी तो उसने तुरंत अपने बयान बदल दिए और कहा कि मोबाइल उसने अपने पंडितवाड़ी स्थित फ्लैट में रखा हुआ है। एसटीएफ उसे पंडितवाड़ी स्थित फ्लैट में लेकर गई जहां से मोबाइल बरामद हुआ। इसके बाद पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने अपने परिचित के पास 10 लाख रुपये व्यवसाय शुरू करने के लिए दिए थे, जो कि एसटीएफ ने बरामद कर लिया।
दूसरी ओर आरोपित मनोज जोशी को एसटीएफ की दूसरी टीम सितारगंज उसके घर लेकर गई। यहां एसटीएफ ने कुछ साक्ष्य जुटाए। इसके बाद टीम उसे लेकर रामनगर स्थित उस रिसोर्ट में लेकर गई, जहां उन्होंने पेपर देने से पहले अभ्यर्थियों से तैयारी करवाई थी। टीम ने वहां से रजिस्टर कब्जे में लिया है। अब देखा जाएगा कि रिसोर्ट किसने बुक करवाया था और वहां कितने लोग ठहरे थे। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान उन्हें काफी जानकारियां हाथ लगी हैं। पेपर लीक होने संबंधी काफी कड़ियां जुड़ गई हैं। गिरोह से जुड़े अन्य आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यह है पूरा मामला
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की चार-पांच दिसंबर 2021 को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक कराने के मामले में एसटीएफ ने शनिवार को छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था। गिरोह ने परीक्षा से एक दिन पहले ही रुपये देने वाले अभ्यर्थियों को 100 में से 80 सवाल उपलब्ध कराए थे। साथ ही उन्हें रामनगर स्थित एक रिसार्ट में परीक्षा की तैयारी भी कराई थी।
बतादें कि आयोग ने 13 विभागों में खाली 854 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इन रिक्त पदों के सापेक्ष 216519 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। परीक्षा में एक लाख 46 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। उत्तराखंड राज्य के बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों ने बीते शनिवार को भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी अशोक कुमार को गड़बड़ी की जांच के आदेश जारी किए।
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