उत्तराखंड : पौड़ी – देवों की नगरी कहे जाने वाले उत्तराखंड में चमत्कार पर चमत्कार देखे गए हैं कभी मंत्री जी ऐसा ऐप लांच करने के बात करते है जिससे बारिश नियंत्रण में होगी, एक और ऐसा चमत्कारी मंत्र उत्तराखंड के अधिकारियों के हाथ लग गया है मरे हुए लोग चेक लेकर बैंकों मे कैश तक करा सकते हैं, और अपने परलोक में उन पैसों का लुफ्त भी उठा सकते हैं ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि पौड़ी में एक बस हादसा हुआ था जिसमें लोगों की जान तक चली गई थी धामी सरकार चिंतित थी और मृतक के परिजनों आश्रितों को मुआवजा के नाम पर देने की बात कही और अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दे दी गई,
लेकिन धामी सरकार के अधिकारी तांत्रिक बाबा के ज्ञान के ज्यादा पुजारी हैं जिन्होंने आश्रितों के नाम के चेक काटने की बजाए मृतकों के नाम ही चेक काटकर बांट दिए बता दें कि सिमड़ी बरात बस हादसे के बीस दिन तक भी बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के आश्रितों और घायलों को राहत राशि नहीं दी गई। लेकिन अब जब राहत राशि के चेक बांटे भी तो आश्रितों के नाम के बजाय मृतकों के नाम ही काट दिए। उधर जब तहसील प्रशासन को पता चला कि तांत्रिक बाबा का मंत्र काम नहीं कर रहा यानी अपनी गलती का एहसास हुआ तो बृहस्पतिवार सुबह सभी लोगों से चेक वापस ले लिए गए।
इतना ही नहीं तहसील प्रशासन ने बुधवार को गांव में जाकर कैंप लगाकर उनके पेंशन और अन्य योजनाओं का लाभ देने के लिए दस्तावेज तैयार किए और शाम को 12 मृतक आश्रितों को एक-एक लाख के दो-दो चेक भी दिए थे। इस बीच खास बात ये यही कि चेक आश्रितों के नाम के बजाय मृतकों के नाम ही काट दिए। ऐसे में अब शुक्रवार को दोबारा से चेक दिए जाएंगे। 4 अक्तूबर को लालढांग से पौड़ी जिले के कांडा मल्ला गांव के लिए बरात की बस रवाना हुई थी। लेकिन बीरोंखाल-रिखणीखाल मोटर मार्ग पर सिमड़ी गांव के पास बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी और इस हादसे में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 19 लोग घायल हुए।
सिमड़ी बरात बस हादसे को लेकर अधिकारियों की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। पहले तो घटना के बीस दिन तक भी बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के आश्रितों और घायलों को राहत राशि नहीं दी गई। जब राहत राशि के चेक बांटे भी तो आश्रितों के नाम के बजाय मृतकों के नाम ही काट दिए।
तहसील प्रशासन को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो बृहस्पतिवार सुबह सभी लोगों से चेक वापस ले लिए गए। अब शुक्रवार को दोबारा से चेक दिए जाएंगे। मालूम हो कि 4 अक्तूबर को लालढांग से पौड़ी जिले के कांडा मल्ला गांव के लिए बरात की बस रवाना हुई थी। बीरोंखाल-रिखणीखाल मोटर मार्ग पर सिमड़ी गांव के पास बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। दुर्घटना में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 19 लोग घायल हुए थे।
तहसील प्रशासन ने बुधवार को गांव में जाकर न सिर्फ कैंप लगाकर उनके पेंशन और अन्य योजनाओं का लाभ देने के लिए दस्तावेज तैयार किए, बल्कि शाम को 12 मृतक आश्रितों को एक-एक लाख के दो-दो चेक भी दिए थे। खास बात यह है चेक आश्रितों के नाम के बजाय मृतकों के नाम ही काट दिए।
दोनों ही अधिकारियों ने नहीं उठाया फोन
बृहस्पतिवार सुबह जब अधिकारियों को पता चला तो तहसील का कर्मचारी भेजकर सभी चेक वापस ले लिए। ग्रामीणों को बताया गया कि शुक्रवार को दोबारा से चेक दिए जाएंगे। इस मामले में जब प्रशासन का पक्ष जानने के लिए एसडीएम पूरण सिंह राणा और तहसीलदार दयाराम को कई बार फोन किया गया दोनों ही अधिकारियों ने रिसीव नहीं किया।
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