उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर.सी.खुल्बे आज सेवनिवृत्त हो गए हैं। न्यायालय की फुल कोर्ट रेफरेंस के बाद न्यायमूर्ति खुल्बे को भावभीनी विदाई दी गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में न्यायाधीशों के परिवार और अधिवक्तागण मौजूद रहे।
उच्च न्यायालय में सोमवार शाम मुख्य न्यायाधीश कोर्ट में फुल कोर्ट रेफरेंस का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी, वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति मनोज तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा के अलावा रजिस्ट्रार जर्नल विवेक भारती शर्मा और न्यायालय के अधिकारी मौजूद रहे।
महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर ने न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे के बारे में बताते हुए कहा कि न्यायमूर्ति खुल्बे ने वर्ष 1986 में यू.पी.ज्यूडिशियल सर्विस शुरू की थी। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने कहा की न्यायमूर्ति खुल्बे का जन्म जनवरी 1961 में हुआ। उन्होंने अल्मोड़ा में प्राथमिक शिक्षा के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री प्राप्त की और यू.पी.में जज बने। वो वर्ष 2018 में उच्च न्यायालय के जज बने। उन्होंने हजारों केस निस्तारित किये, जिसमें कई लैंडमार्क निर्णय दिए हैं।
इसमें हल्द्वानी रेलवे भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाने का निर्देश भी शामिल है। मुख्य न्यायाधीश ने उनके व्यवहार की तारीफ करते हुए कहा कि वो बहुत सज्जन इंसान हैं। उन्होंने न्यायमूर्ति खुल्बे से कहा कि वो अलग अलग माध्यमों से समाज की सेवा करते रहें। न्यायाधीश खुल्बे ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि भी न केवल सहायक वरिष्ठ जजों को सही मार्ग दिखाने बल्कि अपने निजी स्टाफ का भी आभार जताया।
उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि आपको हमेशा याद रखा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने अब न्यायालय में 11 की जगह केवल 6 न्यायाधीशों से काम हो रहा है। इससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित होगी इसलिए सरकार जल्द नई नियुक्ति करें।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती नैनीताल
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