उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने वन विभाग द्वारा रेंजर के पद पर डिप्टी रेंजर्स को चार्ज देने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए प्रमुख वन संरक्षक को 23 मार्च को न्यायालय में तलब किया है । खंडपीठ ने तीन सप्ताह में प्रति शपथपत्र दाखिल करने के आदेशों का पालन नहीं करने पर अधिकारी को तलब किया है।
गौरतलब है की दिसंबर 2022 में दाखिल वन क्षेत्राधिकारी संघ की याचिका में कहा गया था कि रेंजर के पद का चार्ज डिप्टी रेंजर को दिया जा रहा है । इस मामले में उच्च न्यायालय ने वर्ष 2017 में निर्णय पारित कर कहा था कि रेंज का चार्ज केवल वन क्षेत्राधिकारियों को ही दिया जाए। लेकिन, वर्तमान में वन विभाग और शासन ने इसका उल्लंघन किया है।
मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने मामले को गंभीरता से लिया। न्यायालय ने अपने 23 दिसंबर 2022 के उस आदेश पर नाराजगी जताई जिसपर राज्य सरकार और वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक को तीन सप्ताह में अपना प्रति शपथपत्र दाखिल करना था लेकिन वो चूक गए। आज दिए आदेश में खंडपीठ ने प्रमुख वन संरक्षक को 23 मार्च को न्यायालय में तलब किया है ।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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