उत्तराखंड HC की सख्ती – अब पैरा लीगल वालंटियर्स करेंगे चाइल्ड केयर होम्स का निरीक्षण!

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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में संचालित सरकारी और गैर सरकारी चाइल्ड केयर संस्थानों, बाल निकेतन केंद्रों में बच्चों, दिव्यांगजनों और उत्पीड़न होने के खिलाफ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की शिकायत का स्वतः संज्ञान संबंधी जनहित याचिका में जि.वि.से.प्रा.के पैरा लीगल कार्यकर्ताओं से चाइल्ड केयर सेंटरों का दौरा कर रिपोर्ट देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी।


याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि पूर्व में गौलापार स्थित नैब केंद्र में दिव्यांग बच्ची के साथ हुए यौन उत्पीड़न समेत अन्य शिकायतों के आधार पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने मामले की शिकायत उच्च न्यायालय में की थी। इसकी जांच में बाल निकेतनों, चाइल्ड केयर सेंटरों, दिव्यांग केंद्रों का संचालन तय मानकों के अनुसार न होने की पुष्टि हुई थी।

याचिका में दिव्यांगजनों की जरूरत के खनपीठ ने काउंसलर नियुक्त करने और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने की मांग की गई है। याचिका की सुनवाई के बाद न्यायालय ने राज्य के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों(जि.वि.से.प्रा.) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधीन कार्यरत पैरा लीगल कार्यकर्ताओं से चाइल्ड केयर सेंटरों का दौरा कराएं और इन केंद्रों की रिपोर्ट तैयार कर इस न्यायालय में पेश करें।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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