उत्तराखंड के नौ जिलों में आज रविवार को भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट किया है। केंद्र ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगाते हुए एडवाइजरी जारी की है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, विवार तक अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में कहीं-कहीं भारी से अत्यंत भारी बारिश होने की आशंका है।
कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी चमक सकती है। लिहाजा सभी जिलाधिकारियों को हर स्तर पर अतिरिक्त तत्परता एवं सुरक्षा बनाए रखते हुए आवागमन में नियंत्रण रखने को कहा गया है।
आपदा प्रबंधन आईआरएस प्रणाली के नामित समस्त अधिकारी और नोडल अधिकारियों को हाई अलर्ट मोड में रखा जाएगा। एनएच, पीडब्ल्यूडी, पीएमजीएसवाई, एडीबी, बीआरओ और सीपीडब्ल्यूडी को मोटर मार्ग बंद होने पर तत्काल खोलने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में ही बने रहने को कहा गया है। सभी थाने, चौकी को वायरलैस के साथ हाईअलर्ट पर किया गया है। अधिकारियों, कर्मचारियों को सख्त निर्देश हैं कि वे अपने मोबाइल स्विच ऑफ न करें। असामान्य मौसम, भारी बारिश की चेतावनी के बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगाई गई है।
प्रदेश में शनिवार को भूस्खलन आदि के चलते बदरीनाथ हाईवे समेमत 142 मार्ग बंद हुए। लोगों को मार्ग खुलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। जबकि 56 मार्ग शुक्रवार से बंद थे। लोनिवि ने इसमें से 89 मार्ग को खोल दिया। इसके बाद भी 109 सड़क बंद हैं। इसमेें एक राष्ट्रीय राजमार्ग और सात राजमार्ग शामिल हैं। इसके अलावा 11 मुख्य जिला मार्ग, दो अन्य जिला मार्ग और 88 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं।
भारी बारिश के कारण पिथौरागढ़ के धारचूला में काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 0.90 मीटर ऊपर चला गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने अलर्ट जारी करते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट से जारी दैनिक जल स्तर एवं पूर्वानुमान के तहत शनिवार को शाम काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 0.90 मीटर ऊपर चला गया है। ऐसे में हर स्तर पर सावधानी बरती जाए। केंद्रीय जल आयोग से जल स्तर की मॉनिटरिंग की जाए। लोगों को इसके प्रति आगाह किया जाए। ताकि कोई जनहानि न हो।
भारी बारिश से रुद्रप्रयाग जनपद में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान पर बह रही है। प्रशासन ने अगस्त्यमुनि व रुद्रप्रयाग में अलर्ट जारी कर दिया है। चमोली में भी अलकनंदा पिंडर, धौली गंगा, नंदाकिनी नदी उफान पर बह रही है। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा भी खतरे के निशान पर है।
कुमाऊं मंडल में भारी बारिश 13 स्टेट हाईवे 2 NH सहित 102 सड़के बंद
कुमाऊं मंडल में पिछले तीन दिनों से भरी बरसात हो रही है भरी बरसात के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है. पहाड़ पर हो रही बरसात के चलते जहां जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं तो वही पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते नदी और नाले उफान पर है. लगातार हो रही बरसात जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की चिंताएं बढ़ा रही हैं।
बरसात को देखते हुए सरकारी मशीनरी पूरी तरह से मैदान में उतर चुकी है अभी तरह की कहानी से कोई जनहानि की अप्रिय घटना सामने नहीं आई है लेकिन पहाड़ों पर सड़के बंद होने से पहाड़ पर आने जाने वाले लोगों को मुसीबत उठाना पड़ रहा. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 7 जुलाई रविवार को कुमाऊँ मंडल में 101 सड़के बंद है जिसमे 13 स्टेट हाईवे के साथ-साथ दो राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है. जबकि अन्य सड़क जिला और ग्रामीण मार्ग है।
आंकड़े के अनुसार 6 जुलाई शनिवार को कुमाऊँ मंडल में 87 सड़के बंद थी जो रविवार को बढ़ाकर 101 सड़के हो गई है.
डिप्टी कुमाऊं कमिश्नर जीवन सिंह नगन्याल ने बताया की सभी सड़क मार्ग खोलने के प्रयास किया जा रहे हैं पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन की टीम सड़कों को खोलने में जुटी हुई है कुछ जगहों पर बारिश होने के चलते हैं सड़क खोलने में देरी हो रही है. सड़क खोलने के लिए जेसीबी मशीनों को लगाया गया है और उम्मीद है कि कुछ सड़के रविवार शाम तक जबकि कुछ सड़के सोमवार तक खोल ली जाएगी।
पिथौरागढ़ के धारचूला के दारमा, व्यास और चौदास घाटी जोड़ने वाली सड़क पांच दिनों से बारिश के कारण सड़क बंद होने से आवाजाही बंद है. वहां पर फंसे करीब 25 यात्रियों को सुरक्षित पिथौरागढ़ लाया गया है।
रोंगती एसएसबी पोस्ट के पास सड़क धस गई है. चीन सीमा पर बसे दारमा, व्यास चौदास घाटी के गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है.
चंपावत जनपद टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला मार्ग पर अभी भी मालवा रहा है जिससे खतरा बना हुआ है।
लोगों से अपील की जा रही है कि पहाड़ों पर बेवजह यात्रा न करें. सड़कों पर लैंडस्लाइड की घटनाओं को देखते हुए यात्रियों को सुरक्षित जगह पर रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं।
नैनीताल में NH 87 बाधित
उत्तराखण्ड के पहाड़ों में लगातार हो रही बरसात से पहाड़ी का मलुवा गिरने लगा जिससे नीचे से जाता राष्ट्रीय राजमार्ग 87ई.बाधित हो गया। एस.डी.एम.ने इस मार्ग से यातायात को डाइवर्ट करने के आदेश दे दिए।
नैनीताल जिले में कैंचीं धाम और गरमपानी के मध्य पड़ने वाले फ्रॉग पॉइंट झूला पुल के समीप थुवा पहाड़ी से शनिवार शाम भारी मात्रा में मलुवा गिरने लगा। सड़क में मलुवा आने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। हल्द्वानी/नैनीताल से अल्मोड़ा/रानीखेत मार्ग में दोनों तरफ लम्बा जाम लग गया।
थुवा पहाड़ी से लगातार भारी मात्रा में मलुवा आते रहा जिससे सड़क से मलुवा हटाना मुश्किल हो गया। इस मार्ग में वाहनों की आवाजाही ठप होने से यात्रियों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कैची धाम के उपजिलाधिकारी बी.सी.पन्त के लिखित निर्देशों के बाद अल्मोड़ा से आने वाले वाहनो को क्वारब – नथुवाखान होते हुए भवाली की तरफ भेजा गया ।
जबकि भवाली से अल्मोड़ा जाने वाले लोगों को भी इसी मार्ग से भेजा गया। झूला पुल के पास मलवा आने के बाद लगातार पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण देररात तक मार्ग को खोला नहीं जा सका।
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